गृह मंत्रालय ने रद्द की तेलंगाना के विधायक की भारतीय नागरिकता, जानें क्या है पूरा मामला
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) रमेश चेन्नामनेनी की भारतीय नागरिकता रद्द कर दी।
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, चेन्नामनेनी ने 2009 में भारत की नागरिकता प्राप्त करते वक्त जरूरी तथ्य छिपाए थे और धोखे से नागरिकता हासिल की थी। इससे पहले वो जर्मनी के नागरिक थे।
इससे पहले 2017 में भी उनकी नागरिकता रद्द की गई थी, लेकिन वो तेलंगाना हाई कोर्ट से इस पर स्टे ले आए थे।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
तेलंगाना की वेमुलावाड़ा विधानसभा सीट से विधायक चेन्नामनेनी 1990 के दशक की शुरूआत में रोजगार के लिए जर्मनी गए थे।
1993 में उन्हें जर्मनी की नागरिकता मिल गई और उन्होंने अपना भारतीय पासपोर्ट जमा कर दिया।
2008 में वो भारत वापस आए और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दिया।
जल्द ही उन्हें भारत की नागरिकता मिल गई और वो 2009 में वेमुलवाड़ा से पहली बार विधायक बने। तभी से वो यहां के विधायक हैं।
आरोप
स्थानीय नेता ने की चेन्नामनेनी की शिकायत
भारत के नागरिकता कानून के अनुसार, भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति का आवेदन करने की तिथि से कम से कम 12 महीने पहले से भारत में रहना अनिवार्य है।
चेन्नामनेनी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले स्थानीय नेता आदि श्रीनिवास ने गृह मंत्रालय से शिकायत करते हुए कहा था कि चेन्नामनेनी 12 महीने के इस निर्धारित समय के दौरान जर्मनी गए थे और अब भी उनके पास जर्मनी का पासपोर्ट है।
कार्रवाई
2017 में गृह मंत्रालय ने रद्द की चेन्नामनेनी की नागरिकता
मामले की जांच करने वाली गृह मंत्रालय की समिति ने पाया कि चेन्नामनेनी ने भारत सरकार को धोखा देकर भारतीय नागरिकता हासिल की थी और 12 महीने के निर्धारित समय के दौरान जर्मनी की यात्रा की अहम जानकारी छिपाई थी।
इस आधार पर गृह मंत्रालय ने सितंबर 2017 में चेन्नामनेनी की भारतीय नागरिकता रद्द कर दी।
इस फैसले के खिलाफ चेन्नामनेनी ने पहले गृह मंत्रालय के सामने समीक्षा याचिका दायर की और फिर तेलंगाना हाई कोर्ट में अपील की।
कोर्ट की कार्रवाई
हाई कोर्ट ने पहले लगाया स्टे, फिर खारिज किया केस
चेन्नामनेनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय के आदेश पर स्टे लगा दी।
इस बीच चेन्नामनेनी दिसंबर 2018 में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़े और वेमुलावाड़ा से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए।
इस साल जुलाई में हाई कोर्ट ने चेन्नामनेनी के केस को खारिज कर दिया और मामले को फिर से गृह मंत्रालय के पास भेज दिया, जिसने अब फिर से चेन्नामनेनी की नागरिकता रद्द करने का आदेश दिया है।
आदेश
गृह मंत्रालय ने कहा, जानकारी नहीं छिपाते तो चेन्नामनेनी को नहीं मिलती नागरिकता
13 पेज के आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा कि नागरिकता कानून 1955 के अनुच्छेद 10 के तहत चेन्नामनेनी अब भारत के नागरिक नहीं हैं।
इसमें लिखा है, "उनकी गलतबयानी और तथ्यों को छुपाने की वजह से भारत सरकार शुरू में अपना निर्णय लेने में गुमराह हुई। अगर उन्होंने आवेदन करने से पहले इस तथ्य का खुलासा किया होता कि वे एक साल से भारत में नहीं रह रहे थे तो मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी ने उन्हें नागरिकता नहीं देते।"
बयान
फिर से हाई कोर्ट में अपील करेंगे चेन्नामनेनी
गृह मंत्रालय के इस आदेश पर चेन्नामनेनी ने कहा है कि वो इसके खिलाफ हाई कोर्ट में फिर से अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तब उन्हें क्लीन चिट नहीं मिल जाती वो अपनी कानूनी कार्रवाई जारी रखेंगे।