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तीसरे चरण के ट्रायल में 70 प्रतिशत प्रभावी मिली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन

तीसरे चरण के ट्रायल में 70 प्रतिशत प्रभावी मिली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन

Nov 23, 2020
03:46 pm

क्या है खबर?

दुनिया में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच इसकी कारगर वैक्सीन को लेकर तमाम तरह के शोध जारी हैं। दुनिया के साथ-साथ भारत में भी कई वैक्सीन परीक्षण के अलग-अलग चरणों में हैं। इस बीच अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और मॉडर्ना के बाद अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार वैक्सीन ने भी खुशखबरी दे दी है। यह वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में 70 प्रतिशत प्रभावी बताई गई है।

बयान

पहली खुराक में 90 प्रतिशत प्रभावी पाई गई वैक्सीन- एस्ट्राजेनेका

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रोजेनेका की ओर से सोमवार को जारी किए गए बयान में कहा गया है कि यूनाइटेड किंगडम और ब्राजील में किए गए परीक्षणों में वैक्सीन (AZD1222) खासी असरदार मिली है। वॉलेंटियर्स को पहली खुराक दिए जाने पर वैक्सीन 90 प्रतिशत तक प्रभावी मिली और दूसरी खुराक में यह 62 प्रतिशत प्रभावी मिली है। ऐसे में यदि दोनों खुराकों को मिलाया जाए तो यह 70.4 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।

असरदार

खास डोज पैटर्न से ज्‍यादा असरदार हो गई वैक्‍सीन- पोलार्ड

ऑक्‍सफर्ड वैक्‍सीन ग्रुप के निदेशक एंड्रयू पोलार्ड के कहा कि ट्रायल के नतीजों के अनुसार एक असरदार वैक्‍सीन कई जिंदगियां बचा सकती है। उन्‍होंने बताया कि डोज के चार पैटर्न्‍स में से एक में वैक्‍सीन 90 प्रतिशत तक असरदार रही और अगर हम वही पैटर्न अपनाएं तो कई लोगों को वैक्‍सीन दी जा सकती है। ट्रायल में पता चला कि यदि वैक्‍सीन की पहली डोज आधी और दूसरी पूरी हो तो यह 90 प्रतिशत प्रभावी हो सकती है।

बयान

किसी भी वॉलेंटियर में सामने नहीं आए गंभीर साइड इफेक्ट

एस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पास्कल सोरियट ने कहा कि परीक्षण परिणमों के आधार पर वैक्सीन खासी कारगर साबित होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रायल में शामिल किसी भी वॉलेंटियर में कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं।

भारत

वैक्सीन का भारत में चल रहा है तीसरे चरण का ट्रायल

बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस वैक्सीन के भारत में ट्रायल, उत्पादन और वितरण के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से करार किया है। कंपनी भारत में इस वैक्सीन को 'कोविशील्‍ड' के नाम से तैयार कर रही है। इसका देश में अभी तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इतना ही नहीं, SII ने इसका उत्पादन भी शुरू कर दिया है और अब वह जल्द ही भारतीय रेगुलेटर के सामने इमर्जेंसी अप्रूवल के लिए आवदेन करेगी।

मंजूरी

आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए करना होगा इंतजार

ऑक्‍सफर्ड और एस्‍ट्राजेनेका मिलकर अब वैक्‍सीन के अंतरिम परिणामों को UK में ड्रग रेगुलेटर के सामने रखेंगे। अगर वैक्‍सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिलती है तो दिसंबर से यह वैक्‍सीन उपलब्‍ध हो सकती है। SII ने भी UK की मंजूरी पर नजरे टिका रखी है। उसने एस्‍ट्राजेनेका से वैक्‍सीन की 100 करोड़ डोज की डील की है। UK में मंजूरी मिलने के बाद कंपनी भारत में भी यही प्रक्रिया अपनाएगी और फिर यह वैक्सीन जनवरी तक उपलब्‍ध हो सकेगी।

पृष्ठभूमि

फाइजर और मॉडर्ना भी दे चुके हैं खुशखबरी

बता दें कि ऑक्‍सफर्ड और एस्‍ट्राजेनेका से पहले अमेरिकी कंपनी फाइजर और मोडर्ना भी खुशखबरी दे चुकी है। गत दिनों ने फाइजन ने अपनी वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल में 95 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया था। इसके अलावा किसी भी तरह के बड़े साइड इफेक्ट होने से इनकार किया था। इसी तरह मॉडर्ना ने भी अपने वैक्सनी के तीसरे चरण में 94.5 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया था। इससे लोगों में नई उम्मीद जग गई है।

संक्रमण

भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति

भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 91 लाख से पार हो गई है। देश में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 44,059 नए मामले सामने आए और 511 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 91,39,865 हो गई है। इनमें से 1,33,738 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बीते दिन से बढ़कर 4,43,486 हो गई है।