NCERT: 10 से 15 प्रतिशत तक पाठ्यक्रम में होगी कटौती, जानें विवरण
क्या है खबर?
स्कूली छात्रों को बड़ी राहत मिली है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने 2019-2020 के शैक्षणिक वर्ष से अपनी पाठ्यपुस्तकों की सामग्री को 10-15% तक कम करने का निर्णय लिया है।
ये निर्णय 'पाठ्यक्रम भार' से छात्रों को राहत देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा लिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हाल ही में इसकी घोषणा की है। इससे NCERT छात्रों को काफी राहत मिल जाएगी।
आइए जानें क्या है पूरा मामला।
कटौती
2021 तक 50% कटौती का लक्ष्य
NCERT जनरल काउंसिल की बैठक में, जावड़ेकर ने कहा कि CBSE पाठ्यक्रम की समग्र शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा की जाएगी, जिसमें शारीरिक शिक्षा, मूल्य शिक्षा, जीवन-कौशल शिक्षा और अनुभवात्मक शिक्षा के लिए समय होगा।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमने पाठ्यक्रम को 50% कम करने का फैसला किया है। इस साल, 10-15% तक की कमी होगी। अगले साल यह कमी अधिक होगी। अंत में 2021 में लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा।
सोशल साइंस
सोशल साइंस पाठ्यक्रम में होगी अधिक कटौती
जिन छात्रों को सोशल साइंस पढ़ने में अच्छा नहीं लगता है; उनको बता दें कि NCERT के एक अधिकारी के अनुसार, सोशल साइंस के पाठ्यक्रम में विज्ञान, गणित और भाषाओं की तुलना में अधिक कटौती की जाएगी।
अधिकारी ने 'द प्रिंट' को बताया कि विज्ञान, गणित और भाषाओं को ज्यादा कटौती की जरूरत नहीं है।अधिकारी ने आगे कहा कि 11वीं-12वीं जैसी उच्च कक्षाओं के लिए विज्ञान पाठ्यक्रम में किसी भी कमी की आवश्यकता नहीं है।
मापदंड
70 मापदंडों के आधार होगा प्रदर्शन का आकलन
मानव संसाधन विकास मंत्रालय का लक्ष्य मापदंडों के आधार पर राज्यों को उनके शैक्षिक प्रदर्शन पर आकलन करके एक और प्रगतिशील कदम उठाना है।
साथ ही जावड़ेकर ने कहा कि सभी राज्यों का आकलन 70 मानकों के आधार पर उनके प्रदर्शन पर किया जाएगा। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और जहां प्रत्येक राज्य खड़ा है, उसकी निष्पक्ष तस्वीर दी जाएगी। प्रदर्शन में सुधार करने के लिए ये एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी।
जानकारी
2019-20 के लिए प्रकाशित होंगी अधिक पाठ्यपुस्तकें
NCERT इस वर्ष और पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन करेगा। जावड़ेकर ने कहा कि दो साल पहले दो करोड़ किताबें प्रकाशित हुई थीं, पिछले साल छह करोड़ किताबें प्रकाशित हुई थीं और इस साल हमारा लक्ष्य आठ करोड़ या अधिक किताबें बनाने का है।