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फिर सामने आई डॉक्टरों की लापरवाही, जख्मी पैर की बजाय कर डाला दूसरे पैर का ऑपरेशन

फिर सामने आई डॉक्टरों की लापरवाही, जख्मी पैर की बजाय कर डाला दूसरे पैर का ऑपरेशन

Feb 11, 2019
03:01 pm

क्या है खबर?

हाल ही में हैदराबाद में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों द्वारा महिला के पेट में औजार छोड़े जाने का मामला सामने आया था। अब ओडिशा में भी ऐसी ही मेडिकल लापरवाही की एक और घटना हुई है। यहां एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि डॉक्टरों ने उसकी गलत टांग का ऑपरेशन कर दिया। महिला के बायें पैर में जख्म था, जिसका ऑपरेशन होना था, लेकिन लापरवाह डॉक्टरों ने उनके दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया।

मामला

होश आने पर महिला को चला पता

यह मामला कोइनझार जिले की 40 वर्षीय महिला मित्राणी जेना से जुड़ा है। महिला ने बताया कि वह दो दिन पहले अपने इलाज के लिए अस्पताल गई थी। उनका घाव देखकर डॉक्टरों ने ऑपरेशन का सुझाव दिया। मित्राणी ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने उनके गलत पैर का ऑपरेशन कर दिया। उन्होंने बताया, "सबसे पहले मुझे एनस्थेसिया (बेहोशी का इंजेक्शन) दिया गया। जब मुझे होश आया तो पता चला कि मेरे दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया गया है।"

शिकायत

शिकायत के बाद किया दूसरी टांग का ऑपरेशन

महिला और उनके पति की शिकायत के बाद महिला के दूसरे पैर का ऑपरेशन किया गया। अब दोनों पैरों में ऑपरेशन होने की वजह से मित्राणी चल नहीं पा रही हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से वे चलने में असमर्थ हैं। लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि महिला को सामान्य होने में कुछ दिन लगेंगे। मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।

पुराना मामला

महिला के पेट में छोड़ दिया था फोरसेप्स

हाल ही में हैदराबाद के जाने-माने निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (NIMS) में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया था। यहां डॉक्टरों ने एक महिला के पेट के ऑपरेशन के दौरान फोरसेप्स (कैंची के आकार में बना चिमटा) छोड़ दिया। यह फोससेप्स लगभग तीन महीनों तक मरीज के पेट में रहा। इसके बाद लगातार पेट दर्द की शिकायत के बाद महिला का एक्सरे किया गया तब इसकी वजह सामने आई। इसके बाद महिला को फिर अस्पताल में भर्ती किया गया।

लापरवाही की शिकायत

इन जगहों पर हो सकती मेडिकल लापरवाही की शिकायत

अगर किसी अस्पताल ने मरीज के इलाज के दौरान लापरवाही बरती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है। इसके लिए राज्य मेडिकल काउंसिल और इंडियन मेडिकल काउंसिल से शिकायत की जा सकती है। ये दोनों गवर्निंग बॉडी है और इनके पास अस्पताल, डॉक्टर और नर्सिंग होम आदि के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति होती है। इनके अलावा कंज्यूमर कोर्ट में भी इसकी शिकायत दर्ज कर मुआवजे की मांग की जा सकती है।