राजनाथ ने की शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ बैठक, तीनों सेनाओं को कार्रवाई की छूट
आज शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ बैठक करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति की समीक्षा की। समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, बैठक में सेना को जमीन, हवा और पानी तीनों जगहों पर चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है। इसके अलावा सेनाओं को चीनी सेना के किसी भी आक्रामक रवैये से निपटने के लिए कोई भी कदम उठाने की पूरी आजादी दे दी गई है।
CDS और तीनों सेनाध्यक्ष रहे बैठक में शामिल
राजनाथ सिंह के साथ इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया मौजूद रहे। राजनाथ कल रूस की राजधानी मॉस्को के लिए रवाना हो रहे हैं जहां वे द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होने वाली एक सैन्य परेड में हिस्सा लेंगे।
चीन के तनाव बढ़ाने पर उसी की भाषा में जबाव देगा भारत
'NDTV' के सूत्रों के अनुसार, बैठक में फैसला लिया गया कि भारत LAC पर तनाव नहीं बढ़ाएगा, लेकिन अगर चीन तनाव बढ़ाता है तो भारत उसे उसी की भाषा में जबाव देगा। तीनों सेनाओं को इसके लिए जरूरी कदम उठाने की मंजूरी दे दी गई है। बैठक में राजनाथ ने LAC की मौजूदा स्थिति और तीनों सेनाओं की तैयारियों की समीक्षा भी की। PTI के अनुसार, चीन के साथ सीमा की रक्षा के लिए भारत अब से अलग दृष्टिकोण अपनाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं खुली छूट की बात
बता दें कि इससे पहले 19 मई को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि सेना को खुली छूट दे दी गई है और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सेनाएं खुद से फैसला ले सकेंगी। चीन की किसी भी चाल से बचने के लिए भारत ने LAC के पास अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं और लड़ाई विमानों और अटैक हेलीकॉप्टर्स की तैनाती से लेकर सैन्य बलों की संख्या बढ़ाने तक कई कदम उठाए गए हैं।
सेना ने कमांडरों को दी बंदूकों और तोपों के प्रयोग की अनुमति
इसी के साथ भारतीय सेना ने अपने 'रूल्स ऑफ इंगेजमेंट' (ROE) में भी बदलाव किया है और LAC पर बंदूक और तोपों के प्रयोग पर लगी पाबंदी से छूट दे दी गई है। अब इलाके में तैनात कमांडर जरूरत पड़ने पर बंदूक और तोप समेत अपने पास उपलब्ध सभी तरह के हथियारों के प्रयोग का आदेश दे सकेंगे। अभी तक चीन के साथ 1996 में हुए समझौते के कारण आम परिस्थितियों में फायर आर्म्स के प्रयोग पर पाबंदी थी।
इसलिए सेना ने किया नियमों में बदलाव
चीनी सैनिकों के पत्थर, कंटीले रॉड और तारों से भारतीय सैनिकों पर हमला करने की नई रणनीति के कारण भारतीय सेना ने ये बदलाव किया है। पहले से बनाकर रखे गए ये हथियार बेहद घातक सिद्ध हो रहे हैं।
पिछले एक महीने से आमने-सामने हैं भारत और चीन की सेनाएं
बता दें कि पिछले महीने से चीन ने LAC पर हमलावर रवैया अपनाया हुआ है, जिसका भारतीय सैनिकों ने भरपूर जबाव दिया है। अभी दोनों देशों की सेनाएं चार जगहों पर आमने-सामने हैं। इन्हीं जगहों में शामिल गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक झड़प हो गई थी जिसमें भारत के 20 सैनिकों शहीद हो गए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन बल का प्रयोग कर LAC की स्थिति में बदलाव करना चाहता है।