
भारत में विकास के विभिन्न चरणों में हैं 20 कोरोना वायरस वैक्सीन- डॉ हर्षवर्धन
क्या है खबर?
दुनिया में हाहाकार मचाने वाली कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए कारगर वैक्सीन को ही आखिरी रास्ता माना जा रहा है।
ऐसे में सभी चिकितसा विशेषज्ञ जल्द से जल्द एक प्रभावी वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं। ऐसी ही तैयारी भारत में भी चल रही है।
इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि भारत में 20 कोरोना वैक्सीन विकास के विभिन्न चरणों में चल रही है और कुछ अंतिम चरण में चल रही है।
बयान
भारत ने महामारी को भागने के लिए शुरू की एकिकृत प्रतिक्रिया- हर्षवर्धन
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने आठवीं ब्रिक्स STI मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा कि भारत में कोरोना महामारी को भगाने के लिए एकिकृत प्रतिक्रिया शुरू की है। इस कड़ी में भारत प्रमुख वैक्सीनों का क्लिनिकल ट्रायल कर रहा है और करीब 20 वैक्सीन विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
उन्होंने कहा कि दो वैक्सीन विकास के अंतिम चरणों में हैं। इनमें ICMR और भारत बायोटेक द्वारा तैयार 'कोवैक्सिन' और सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम चरण में है।
प्रयास
महामारी से मुकाबले के लिए किए जा रहे हैं प्रयास- हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने कहा कि स्वदेशी वैक्सीनों के विकास से पारंपरिक ज्ञान पर आधारित उपन्यास निदान और चिकित्सकीय सूत्रीकरण अनुसंधान संसाधनों और सेवाओं के दम पर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भारतीय अनुसंधान एवं विकास संस्थाएं महामारी का मुकाबला करने के लिए प्रभावी बचाव विकसित करने का प्रयास कर रही हैं।
ऐसे में देश में जल्द ही कोरोना महामारी से बचाव के लिए कारगर वैक्सीन तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अनुदान
भारत ने वैक्सीन अनुसंधान के लिए 120 मिलियन डॉलर का दिया अनुदान
हर्षवर्धन ने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन अनुसंधान के लिए 120 मिलियन डॉलर (करीब 840 करोड़ रुपये) का अनुदान देने की घोषणा की है। यह अनुदान कोविड सुरक्षा (कोविद से सुरक्षा के लिए मिशन) के लिए दिया जा रहा है और इस क्षेत्र में शोध और विकास के लिए उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा अनुदान वैक्सीन की वास्तविक लागत और उसके वितरण खर्चों को कवर नहीं करता है जो वैक्सीन के रूप में अलग से किया जाएगा।
जानकारी
महामारी से लड़ाई में सहयोग कर रहे हैं स्टॉर्ट-अप्स- हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी से जारी लड़ाई में देश के स्टॉर्ट-अप्स भी आगे आकर सहयोग कर रहे हैं। यही कारण है कि 100 से अधिक स्टॉर्ट-अप कंपनियों ने महामारी से मुकाबले में लिए अलग-अलग उत्पाद विकसित किए हैं।
ट्रायल
"भारत में सभी प्रमुख वैक्सीनों के किए जा रहे हैं क्लिनिकल ट्रायल"
हर्षवर्धन ने कहा कि वर्तमान में भारत में सभी प्रमुख कोरोना वैक्सीनों का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल किया जा रहा है।
इसी तरह डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज की ओर से रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V का अंतिम चरण का ट्रायल किया जा रहा है। इसी तरह भारत बायोटेक भी अपनी वैक्सीन के ट्रायल के आखिरी चरण की और बढ़ रहा है।
सहयोग
ब्रिक्स के सभी कार्यक्रमों में सहयोग करेगा भारत- हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ब्रिक्स STI की ओर से साल 2020-21 के सभी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से योगदान देगा और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर ब्रिक्स MOU के तहत वैज्ञानिक गतिविधियों को जारी रखने का समर्थन करेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने कहा कि ब्रिक्स सदस्य नेताओं ने पिछले महीने लॉन्च की गई SERB POWER (प्रोस्पेक्टिंग ऑपर्चुनिटीज फॉर वीमेन इन एक्सपेरिटरी रिसर्च) योजना के लिए भारत की सराहना की।
जानकारी
इन नेताओं ने लिया बैठक में हिस्सा
आठवीं ब्रिक्स STI मंत्रिस्तरीय बैठक में रूस के विज्ञान और उच्च शिक्षा मंत्री वलेरी फाल्कोव, ब्राजील के विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री मार्कोस पोंटेस, चीन के प्रौद्योगिकी मंत्री हुआंग वी, दक्षिण अफ्रीका के मंत्री बोंगिनकोसी इमैनुएल नजीमंडे सहित सभी सदस्य देशों के मंत्रियों ने हिस्सा लिया।