वैक्सीनेशन के बाद कोरोना संक्रमित हुए स्वास्थ्यकर्मियों में से 92 प्रतिशत को हुई हल्की बीमारी- स्टडी
क्या है खबर?
फोर्टिस हेल्थकेयर की एक स्टडी में सामने आया है कि जिन स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की दोनों खुराकें लगने के बाद भी कोविड हुआ, उनमें से 92 प्रतिशत में केवल हल्का संक्रमण देखने को मिला।
वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमित होने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में से मात्र 1 प्रतिशत को ICU और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी।
वहीं एक अन्य स्टडी में सामने आया कि दोनों खुराकें लगवाने के 14 दिन बाद मात्र 1.6 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए।
स्टडी
16,000 स्वास्थ्यकर्मियों पर की गई स्टडी
फोर्टिस हेल्थकेयर ने अपनी स्टडी में उन 16,000 स्वास्थ्यकर्मियों का विश्लेषण किया जिन्हें इस साल जनवरी और मई के बीच कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराकें लगाई गईं।
इसमें सामने आया कि दोनों खुराकें लगवाने के बाद मात्र 6 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए। इनमें से 92 प्रतिशत को हल्की बीमारी हुई और वे घर पर रहकर ही ठीक हो गए।
7 प्रतिशत संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी, वहीं 1 प्रतिशत को ICU और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी।
बयान
स्टडी से साफ हुआ, वैक्सीन देती है सुरक्षा- विशेषज्ञ
फोर्टिस हेल्थकेयर के मेडिकल स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशन्स विभाग के समूह प्रमुख डॉ विष्णु पाणिग्रही ने कहा, "स्टडी साफ दर्शाती है कि भारत में मौजूद कोविड वैक्सीनें वायरस से उन स्वास्थ्यकर्मियों को भी सुरक्षा प्रदान करती हैं जिसके संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक होता है।"
उन्होंने कहा कि भारत की वैक्सीन उत्पादन की क्षमता अच्छी है और उसे अंतिम छोर तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए एक विस्तृत और बहुआयामी जन शिक्षा रणनीति की जरूरत है।
दूसरी स्टडी
PGI चंडीगढ़ में की गई दूसरी स्टडी
दूसरी स्टडी चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) की है।
सामुदायिक चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल विभाग की प्रोफेसर पीवीएम लक्ष्मी ने इंस्टीट्यूट के दो अन्य डॉक्टरों के साथ वैक्सीन लगवा चुके स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण के मामलों का विश्लेषण किया।
स्टडी में PGIMER के 12,248 स्वास्थ्यकर्मियों से संबंधित डाटा का विश्लेषण किया गया। इनमें से 7,170 को वैक्सीन की एक या दोनों खुराकें लग चुकी थीं, वहीं 5,078 को कोई खुराक नहीं लगी।
नतीजे
दूसरी खुराक के बाद मात्र 2 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी हुए संक्रमित
इस स्टडी के नतीजों में सामने आया कि जिन 7,170 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की एक या दो खुराक लग चुकी थीं, उनमें से 184 (2.6 प्रतिशत) कोरोना से संक्रमित हुए।
दोनों खुराकें लगवा चुके 3,650 स्वास्थ्यकर्मियों में से 72 स्वास्थ्यकर्मियों (2 प्रतिशत) को संक्रमित पाया गया।
दोनों खुराकें लगवाने के 14 दिन बाद मात्र 48 स्वास्थ्यकर्मी (1.6 प्रतिशत) संक्रमित हुए। बता दें कि दूसरी खुराक के 14 दिन बाद पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी बन जाती हैं।
निष्कर्ष
वैक्सीनेशन के फायदे स्पष्ट करती हैं दोनों स्टडी
ये दोनों ही स्टडी वैक्सीन लगवाने के फायदे दर्शाती हैं और इससे संबंधित अफवाहों और डर को दूर करती हैं। दोनों स्टडी से साफ है कि वैक्सीन लगवाने से गंभीर बीमारी का खतरा बेहद कम हो जाता है।
इसके अलावा पहले हुई कुछ स्टडी में यह भी सामने आया है कि वैक्सीन लगवाने के बाद घर के अंदर संक्रमण फैलाने की संभावना भी कम हो जाती है। ऐसे में आप वैक्सीन लगवाकर अपने परिजनों को भी सुरक्षित कर सकते हैं।