रेलवे की बड़ी घोषणा, अगले 10 दिन में 36 लाख प्रवासियों के लिए चलाएगा 2,600 ट्रेनें
देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में रेल मंत्रालय ने तारणहार का काम किया है। रेलवे की ओर से अब तक 2,600 से अधिक ट्रेनों का संचालन कर 35 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया गया है। इसी बीच शनिवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने अगले 10 दिनों में 2,600 और ट्रेनों का संचालन करने की घोषणा की है।
36 लाख प्रवासियों के लिए चलाई जाएंगे 2,600 ट्रेनें
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन यादव ने शनिवार शाम को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अगले 10 दिनों में 36 लाख अन्य प्रवासी मजदूरों के लिए 2,600 और ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इसका शेड्यूल भी तैयार कर लिया गया है। रेलवे ने राज्यों को अपनी जरूरतें बताने को कहा है। उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति की बहाली की दिशा में रेलवे मंत्रालय की तरफ से 1 जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी।
इन राज्यों से किया जाएगा ट्रेनों का संचालन
चेयरमैन यादव ने बताया कि अगले 10 दिनों में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों से इन ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
पिछले चार दिनों में औसतन तीन लाख प्रवासियों को घर पहुंचाया
चेयरमैन यादव ने बताया कि रेलवे द्वारा पिछले चार दिनों में प्रतिदिन औसतन 260 श्रमिक ट्रेनों का संचालन किया गया है। इन ट्रेनों से प्रतिदिन औसतन तीन लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया है। सबसे ज्यादा 279 ट्रेनों का संचालन 20 मई को किया गया था और सबसे कम 4 ट्रेन 1 मई को चलाई गई थी। अब तक चलाई गई कुल 2,600 ट्रेनों में से 80 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलाई गई हैं।
कोरोना वायरस से बचने के लिए स्पेशल ट्रेनों में किया गया है नियमों का पालन
चेयरमैन यादव ने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। सभी यात्रियों को मास्क और सैनिटाइजर देने के साथ सोशल डिस्टैंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। रेलवे की ओर से सभी ट्रेनों में यात्रियों के लिए मुफ्त भोजन और पानी की व्यवस्था की गई है। ट्रेनों के संचालन का 85 प्रतिशत खर्च रेलवे और 15 प्रतिशत राज्य सरकार उठा रही है।
5,000 कोचों को कोरोना केयर सेंटर्स के रूप में किया तैयार
चेयरमैन यादव ने बताया कि रेलवे ने 5,000 कोच को कोरोना केयर सेंटर्स के रूप में तैयार किया है। इन कोचों में 80 हजार बेड थे। इनमें से करीब 50 प्रतिशत कोच का इस्तेमाल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए किया है। जरूरत पड़ने पर फिर से कोरोना केयर सेंटर्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह रेलवे की ओर से अब तक 1.2 लाख PPE किट और 1.4 लाख लीटर सैनिटाइजर का भी उत्पादन किया जा चुका है।
पिछले साल की तुलना में दोगुना अनाज का किया जाएगा परिवहन
चेयरमैन यादव ने बताया कि इस साल मालगाडि़यों के माध्यम से गत वर्ष की तुलना में दोगुना अनाज का परिवहन किया जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान रेलवे की ओर से 9.7 मिलियन टन खाद्यान्न का परिवहन किया गया है। यह रेलवे की बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा वर्तमान में भी माल ढुलाई का कार्य पूरी सक्रियता से किया जा रहा है। इससे सभी जगहों पर खाद्यान की पहुंच आसान हो रही है।
वेबसाइट के अलावा टिकट काउंटर से भी बुक करा सकते हैं टिकट
चेयरमैन यादव ने बताया कि 1 जून से चलाई जाने वाली 200 ट्रेनों के लिए रेलवे की ओर से IRCTC की वेबसाइट के अलावा टिकट काउंटरों से भी टिकट बुक करने की सुविधा दे दी है। इन ट्रेनों की टिकट की बुकिंग अब कम्प्यूटराइज्ड PRS केन्द्रों, डाकघर, यात्री टिकट सुविधा केन्द्रों के साथ-साथ IRCTC के मान्यता प्राप्त एजेंटों और सामान्य सेवा केन्द्रों से भी कराई जा सकती है। यात्री 30 दिन बाद तक की टिकट बुक करा सकते हैं।
प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही है 24 घंटे हेल्पलाइन
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्ताव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए राज्यों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। 24 घंटे हेल्पलाइन और नॉडल ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं। राज्यों को प्रवासी मजदूरों को जानकारी देने को कहा गया है।