 
                                                                                सहारा के 25,000 करोड़ SEBI के पास, सुब्रत रॉय के निधन के बाद इनका क्या होगा?
क्या है खबर?
14 नवंबर की देर रात सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो गया। 75 साल के रॉय लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास पड़ी उनकी 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं। इस बात पर चर्चा छिड़ गई है कि अब इन पैसों का क्या होगा। आइए समझते हैं कि पूरा मामला क्या है।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, SEBI ने 2011 में सहारा समूह की 2 कंपनियों- सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIREL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को वैकल्पिक रूप से फुली कंवर्टेबल बॉन्ड (OFCD) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांड्स के जरिए करीब 3 करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था। SEBI ने कहा था कि दोनों कंपनियों ने नियम-कानूनों का उल्लंघन कर ये रकम जुटाई थी।
राशि
कहां से आए 25,000 करोड़ रुपये?
31 अगस्त, 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने भी SEBI के निर्देशों को बरकरार रखते हुए सहारा समूह को निवेशकों से ली गई राशि को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था। इसके लिए SEBI-सहारा सहारा-SEBI एसक्रो अकाउंट खोले गए थे, जिसमें सहारा समूह की ओर से 24,000 करोड़ रुपये जमा करवाए गए थे। इस बीच पुनर्भुगतान के विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है।
पैसा
इस राशि में से कितना पैसा लौटाया गया?
वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, SEBI को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपए की राशि लौटाई गई। इसमें से 67.98 करोड़ रुपये की राशि ब्याज की थी। हालांकि, बाकी आवेदनों पर कोई जानकारी न मिलने की वजह से इन्हें बंद कर दिया गया। यानी 11 साल में निवेशकों को मात्र 138.07 रुपये की राशि ही वापस मिली है।
प्रक्रिया
जारी है 5,000 करोड़ रुपये वापस करने की प्रक्रिया
इसी साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका पर SEBI के पास जमा 24,000 करोड़ रुपये में से 5,000 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने सहारा-SEBI खाते से 5,000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (CRCS) को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद जुलाई में सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत की थी। न की मांग करने वाली केंद्र सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया है।