टेलीग्राम, पेटीएम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज, बाल यौन शोषण सामग्री को बढ़ावा देने के आरोप
हैदराबाद की रहने वालीं सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता कृष्णन ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम और डिजिटल भुगतान ऐप फोनपे और पेटीएम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाया है। यह मामला बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) से जुड़ा है। शिकायत में आरोप लगाया है कि यह प्लेटफॉर्म्स CSAM की बिक्री और बच्चों के यौन शोषण की अनुमति देने वाला एक मंच बन गया है। बता दें, अभी तक इस मामले पर टेलीग्राम, फोनपे और पेटीएम की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कृष्णन ने पूछे प्रोटोकॉल
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, कृष्णन ने डिजिटल प्लेटफार्म्स से अपने नेटवर्क के जरिए CSAM की बिक्री की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया। उन्होंने पूछा कि इन प्लेटफॉर्म्स ने वयस्क फोटोग्राफी सहित बच्चों से संबंधित यौन सामग्री के वितरण और बिक्री को रोकने के लिए क्या प्रोटोकॉल रखे हैं। कृष्णन ने CSAM को जानबूझकर अपने प्लेटफार्म्स के जरिए बढ़ावा देने के लिए निशाना साधते हुए कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स को सब पता है, जिससे ये पैसा कमा रहे हैं।
कृष्णन ने खरीदार बनकर की जांच
उन्होंने कहा कि उन्हें CSAM प्रसारित करने वाले कुछ टेलीग्राम अकाउंट्स की जानकारी मिली थी, फिर उन्होंने हैदराबाद में अपने कार्यालय में ऐप डाउनलोड कर खरीदार बनकर संपर्क किया। उन्होंने NDTV को बताया, "नाम के लिए कोई सत्यापन नहीं करना था। मैं अपना कोई भी नाम रख सकती थी इसलिए मैंने वशिष्ट नाम रखा।" उन्होंने आगे बताया, "मुझे सर्च बार के जरिए 'गर्ल्स एंड बॉयज़ चैटिंग' का एक ग्रुप मिला, जिसमें 31,000 सदस्य थे। जहा CSAM से जुड़े संदेश मिले।"
कृष्णन ने किए हैरान कर देने वाले खुलासे
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि ऐसे ग्रुप्स को एडमिन नियंत्रित करते हैं जो खुद ही सदस्यों को निकाल और जोड़ सकते हैं। इसका एन्क्रिप्शन सिस्टम स्क्रीनशॉट लेने की अनुमति नहीं देता। टेलीग्राम की सेल्फ-डिस्ट्रेक्ट सुविधा ऑपरेटरों को गुमनामी और ट्रैक किए जाने से सुरक्षा देती है। इसके साथ ही CSAM से जुड़े हर सामग्री के लिए अलग-अलग दाम है। उन्होंने बताया कि उन्होंने ऐसे 3 बिक्रीकर्ताओं से संपर्क किया तो पता चला कि ऐसे ग्रुप्स को बच्चे चलाते हैं।
टेलीग्राम पर लगाया बड़ा आरोप
कृष्णन ने बताया कि टेलीग्राम इस तरह की सामग्रियों की बिक्री और खरीद की सुविधा प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा, "इस पूरी गतिविधि के दौरान टेलीग्राम पर एक भी पॉप-अप दिखाई नहीं दिया, जिसमें चेतावनी दी गई हो कि बाल यौन उत्पीड़न सामग्री का प्रसार एक आपराधिक कृत्य है और इसकी रिपोर्ट न करने पर POCSO अधिनियम लागू हो सकता है।" उन्होंने कहा कि टेलीग्राम ऐसे लोगों को अपना नाम छिपाने की अनुमति दे रही है।
सरकार भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भेज चुकी है नोटिस
पिछले महीने केंद्र सरकार ने भी टेलीग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बाल यौन शोषण सामग्री हटाने के लिए नोटिस जारी किया था। सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका संरक्षण वापस लेने की भी बात कही थी।
न्यूजबाइट्स प्लस
बता दें कि टेलीग्राम दुनिया की सबसे लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप्स में से एक है, जिसके दुनियाभर में 80 करोड़ यूजर्स हैं। यह दुनिया की शीर्ष 10 सबसे अधिक डाउनलोड की जाने वाली ऐप्स में से एक है और भारत, अमेरिका और रूस इसके सबसे बड़े बाजार हैं। यह ऐप व्यापक सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करती है, जिसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, निजी चैनल जैसी सुविधाएं शामिल हैं। हालांकि, इस ऐप के जरिए ठगी के भी कई मामले सामने आए हैं।