मुंबई में फर्जी वैक्सीनेशन कैंप का शिकार हुए 2,000 से अधिक लोग, 10 आरोपी गिरफ्तार
क्या है खबर?
कोरोना महामारी को हराने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। इसी बीच कुछ लोग आपदा को अवसर में बदल रहे हैं और फर्जी वैक्सीनेशन कैंप संचालित कर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
ऐसा ही मामला सामने आया मायानगरी मुंबई में। यहां अब तक नौ फर्जी वैक्सीनेशन कैंपों का पता लगाया जा चुका है। इनमें कुल 2,053 लोगों को फर्जी वैक्सीन लगाई गई है। हालांकि, पुलिस ने मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रकरण
कांदिवली में सामने आया था फर्जी वैक्सीनेशन कैंप का मामला
NDTV के अनुसार पिछले सप्ताह कांदिवली क्षेत्र स्थित हीरानंदानी सोसाइटी में फर्जी वैक्सीनेशन कैंप आयोजित किए जाने का मामला सामने आया था।
इसके बाद पुलिस हरकत में आई मामले की जांच करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी सरकार से जवाब मांगा था। इसमें सरकार ने कहा था कि 2,053 लोगों को फर्जी वैक्सीन लगाई गई है। इसको लेकर अब सात अलग-अलग मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
आदेश
बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिए नई गाइडलाइंस जारी करने के आदेश
मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और BMC को वैक्सीनेशन को लेकर नई गाइडलाइंस जारी करने के आदेश दिए हैं। इसी तरह पीड़ितों में फर्जी वैक्सीन के दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए उनकी जांच करवाने के लिए कदम उठाने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों के साथ क्या हो रहा है। उन्हें क्या लगाया गया और फर्जी वैक्सीन का उन पर क्या असर पड़ा?
जानकारी
कहां कितने लोगों को लगी फर्जी वैक्सीन?
महाराष्ट्र सरकार के अनुसार 25 मई को मलाड में आयोजित कैंप में 30 लोगों को फर्जी वैक्सीन लगाई गई थी। उसके बाद 27 मई को ठाणे में 122 और बोरिवली में 514 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। शेष वैक्सीन हीरानंदानी सोसाइटी में लगाई गई थी।
कार्रवाई
मामले में अब तक हो चुकी है 10 लोगों की गिरफ्तारी
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल ने बताया कि मुंबई में अब तक नौ फर्जी वैक्सीनेशन कैंपों का पता लगाया गया है। इसको लेकर अब तक गैर इरादतन हत्या के सात मामले दर्ज किए हैं।
उन्होंने बताया कि मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें एक महिला भी शामिल है। आरोपियों के पास से कुल 12.40 रुपये जब्त कर उनके बैंक खाते सीज किए हैं।मामले की जांच पुलिस उपायुक्त विशाल ठाकुर कर रहे हैं।
जानकारी
एक ही गिरोह ने आयोजित किए थे सभी नौ कैंप- पाटिल
संयुक्त पुलिस आयुक्त पाटिल ने बताया कि अब तक हुई जांच में सामने आया है कि सभी नौ वैक्सीनेशन कैंप एक ही गिरोह द्वारा आयोजित किए गए थे।
उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में से महेंद्र सिंह गिरोह का मास्टर माइंड है और उसने संजय गुप्ता की मदद से ये सभी कैंप आयोजित किए थे।
उन्होंने बताया कि घटना में शिवम अस्पताल की ओर से वैक्सीन सप्लाई करने की भी बात सामने आई है।
आशंका
पुलिस ने जताई वैक्सीन के नाम पर डिस्टिल्ड वॉटर देने की आशंका
संयुक्त पुलिस आयुक्त पाटिल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को शिवम अस्पताल से कोविशील्ड वैक्सीन की 38 शीशियां मिली थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अस्पताल से वैक्सीन की खाली शीशियों में डिस्टिल्ड वॉटर भरकर दिया गया था और लोगों को वैक्सीन की जगह वही लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि इन शीशियों की खरीद-बिक्री में डॉ मनीष त्रिपाठी का नाम सामने आया है। इसके बाद मनीष त्रिपाठी के बैंक खातों को सीज कर दिया है।
जानकारी
सीरम इंस्टीट्यूट को भी भेजा गया है पत्र
मामले में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने कोविशील्ड का निर्माण करने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भी पत्र लिखकर फर्जी कैंपों में मिली वैक्सीन की शीशियों के बैच नंबर के आधार पर उनके आवंटन केंद्र की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है।
बयान
निजी अस्पताल की ओर कैंप लगाने की कहकर किया गुमराह
हीरानंदानी हेरिटेज रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (HHRWA) ने कहा कि आरोपियों ने उन्हें निजी अस्पताल की ओर से वैक्सीनेशन कैंप लगाने की जानकारी देकर गुमराह किया था।
नेहा अलशी ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता है कि उन्हें वास्तविक वैक्सीन लगाई गई थी या फिर केवल डिस्टिल वाटर दिया गया था।
फिल्म निर्माता रमेश तौरानी ने कहा कि कैंप में 365 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी, लेकिन किसी को भी प्रमाण पत्र नहीं दिया गया।