#Exclusive: कोरोना वायरस मरीजों पर अब यूनानी दवाइयों का ट्रायल करेगा भारत, जल्द होगा शुरू
दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कहीं वैक्सीन बनाई जा रही हैं तो कहीं इलाज के लिए दवाइयों का ट्रायल चल रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसी बीच भारत में चिकित्सा विशेषज्ञों ने आयुर्वेदिक के बाद अब यूनानी दवाइयों से वायरस पर काबू पाने की संभावनाओं पर विचार किया है। इसको लेकर हमने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की यूनानी चिकित्सा यूनिट के प्रमुख डॉ सैयद अहमद से बातचीत की। आइए जानें उन्होंने क्या कुछ कहा।
उपचार की संभावनाओं के लिए यूनानी दवाइयों का चयन होना बड़ी उपलब्धि
डॉ सैयद अहमद ने न्यूज़बाइट्स को बताया कि यूनानी चिकित्सा पद्धति में कई असाध्य बीमारियों का खात्मा करने की ताकत है। उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस के इलाज की संभावनाएं तलाशने के लिए सेंट्रल काउंसिल फोर रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन (CCRUM) की एथिकल कमेटी की सलाह पर आयुष मंत्रालय ने कुछ दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल के लिए चयन किया है। यह यूनानी चिकित्सा पद्धति के लिए बड़ी उपलब्धि है।"
जल्द शुरू हो सकता है चयनित यूनानी दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल
डॉ सैयद अहमद ने बताया कि CPRUM की एथिकल कमेटी ने यूनानी पद्धति की कुछ दवाइयों का चयन कर आयुष मंत्रालय से उनके क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी थी और आयुष मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इस एथिकल कमेटी में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सदस्य भी शामिल थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी सप्ताह में दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो जाएगा और अगर इसमें सफलता मिलती है तो यह भारत के लिए बड़ी कामयाबी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
डॉ सैयद अहमद ने बताया, "वर्तमान में फ्लू से पीड़ित लोगों को जौसांडा का काढ़ा पिलाया जा रहा है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसकी तारीफ कर चुके हैं। काढ़ा पीने वालों को भविष्य में फ्लू होने का खतरा बहुत कम होता है।"
इन यूनानी दवाइयों का किया गया है चयन
डॉ सैयद अहमद ने बताया कि आयुष मंत्रालय की ओर से खमीरा मरवारीद, खीना उन्नबावाला, शर्बते जूफा मुरक्कब, शर्बते उन्नाब, कैरूती, बनाफाशा और पष्पागौंदंती जैसी दवाइयों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि ट्रायल के जरिये यह समझने का प्रयास किया जाएगा कि इन दवाओं की क्या भूमिका हो सकती है और इन दवाइयों का कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में क्या योगदान हो सकता है। उन्होंने कहा कि सफलता मिलने पर इन्हें उपचार में लाया जाएगा।
किस दवा का किस बीमारी में होता है उपयोग?
डॉ अहमद ने बताया कि खमीरा मरवारीद, हीना उन्नबावाला और शर्बते उन्नाब मुख्य रूप से खांसी, जुकाम और बुखार सहित फ्लू से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए दी जाती हैं। वर्तमान में कोरोना के संभावित लक्षणों वाले मरीजों को यही दवा दी जा रही है और इससे उन्हें फायदा भी हो रहा है। इसी तरह शर्बते जूफा मुरक्कब, कैरूती, बनाफाशा और कुष्पागौंदंती का उपयोग मुख्य रूप से निमोनिया के मरीजों के उपचार के लिए किया जाता है।
आयुष मंत्रालय ने जारी की थी एडवाइजरी
बता दें कि देश में कोरोना वायरस के मामले आने के बाद जनवरी के अंतिम सप्ताह में आयुष मंत्रालय ने यूनानी दवाइयों द्वारा भी कोरोना वायरस का इलाज होने की संभावना जताते हुए कुछ दवाइयों के उपयोग के लिए एडवाइजरी जारी की थी।
क्या है यूनानी चिकित्सा पद्धति?
यूनानी चिकित्सा पद्धति भारतीय चिकित्सा विधि का ही एक रूप है। इसमें मुख्य रूप से कफ, बलगम, पीला पित्त (सफरा) और काला पित्त (सौदा) के जरिए बीमारी के लक्षणों का पता किया जाता है। इसमें प्राकृतिक रूप से उगी वनौषधियों का उपयोग किया जाता है। हकीम अजमल ख़ाँ ने इस पद्धति को भारत में स्थापित किया था। उन्होंने (असरोल) रावोल्फिया सर्पेन्टाइन की खोज की जिसने उच्च रक्तचाप के उपचार में अपनी प्रभावकारिता स्थापित की।
शुरू हो चुका है आयुर्वेदिक दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के उपचार की संभावना तलाशने के लिए पिछले हफ्ते आयुर्वेदिक दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया गया था। भारत की तीनों स्वास्थ्य संस्थाओं ने ICMR के तकनीकी सहयोग से आयुर्वेद की अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुडूची पिप्पली, आयुष-64 दवाइयों को क्लिनिकल ट्रायल के लिए चयनित किया था। इन दवाइयों का परीक्षण मुख्य रूप से उन चिकित्साकर्मियों और लोगों पर किया जा रहा है जिनके संक्रमित होने की सबसे अधिक संभावना है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के कुल 5,242 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या 96,169 हो गई है। इसी तरह 157 नई मौतों के बाद जान गंवाने वालों का आंकड़ा 3,029 हो गया है। देश में वर्तमान में 56,316 एक्टिव केस हैं और 36,824 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। महाराष्ट्र में संक्रमितों की कुल संख्या 33,053 हो गई हैं और राज्य में अब तक 1,198 की मौत हुई है।