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DRDO ने करेंसी नोट और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को सैनिटाइज करने के लिए बनाई विशेष डिवाइस

DRDO ने करेंसी नोट और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को सैनिटाइज करने के लिए बनाई विशेष डिवाइस

May 11, 2020
12:20 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस के प्रसार की बढ़ती रफ्तार को रोकने के लिए सभी देशों में वैक्सीन निर्माण के साथ तरह-तरह तकनीकी डिवाइसों का भी निर्माण किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारत में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने करेंसी नोट सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को संक्रमण मुक्त करने के लिए UVS सैनिटाइजेशन कैबिनेट का निर्माण किया है। इसके उपयोग से मोबाइल फोन, आईपैड, लैपटॉप, करेंसी नोट, चेक, चालान, पासबुक आदि को संक्रमण मुक्त किया जा सकेगा।

निर्माण

DRDO को 15 दिन की मेहनत के बाद मिली सफलता

DRDO की प्रमुख प्रयोगशाला रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) के वरिष्ठ वैज्ञानिक गोपीनाथ ने बताया कि इस संपर्करहित UVS सैनिटाइजेशन कैबिनेट को डिफेंस रिसर्च अल्ट्रावायलेट सैनेटाइजर (DRUVS) नाम दिया गया है। उन्होंने और उनके सहयोगी सौरव कुमार ने 15 दिन की मेहनत के बाद इसका डिजाइन तैयार किया था और फिर विभिन्न बैक्टीरिया को मारने के सत्यापित परीक्षण किए गए थे। इन परीक्षणों में इस डिवाइस को कारगर पाया गया है।

जानकारी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए किया उद्घाटन

वरिष्ठ वैज्ञानिक गोपीनाथ ने बताया कि परीक्षण में सफलता मिलने के बाद सबसे पहले हैदराबाद में वायरोलॉजी लैब को दो डिवाइस भेजी गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इन दोनों डिवाइसों का उद्घाटन किया था।

स्वचालित

स्वचालित तकनीक पर आधारित है डिवाइस

वरिष्ठ वैज्ञानिक गोपीनाथ ने बताया कि DRUVS प्रणाली कैबिनेट में रखी चीजों पर 360 डिग्री से पराबैंगनी किरणें डालती है। एक बार सैनेटाइज हो जाने पर यह प्रणाली स्वयं बंद हो जाती है। इसलिए इसे संचालित करने वाले को उपकरण के पास इंतजार करने या खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ती। संक्रमण से बचे रहने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक स्वचालित UVC करेंसी सैनेटाइजिंग उपकरण 'नोट्सक्लीन' भी बनाया है।

कीमत

उच्च क्षमता वाली डिवाइस की कीमत होगी 55,000 रुपये

वरिष्ठ वैज्ञानिक गोपीनाथ ने बताया कि हैदराबाद के शांतिनगर में स्थित विजय मशीन टूल्स ने इस डिवाइस का निर्माण शुरू कर दिया है और यह तीन वेरिएंट में उपलब्ध है। टॉप-एंड यूनिट की कीमत 55,000 रुपये है। मशीन की लागत को कम करने और लोगों तक सस्ते दामों में पहुंचाने की योजना पर काम किया जा रहा है। RCI के निदेशक नारायण मूर्ति ने दावा किया है कि इस डिवाइस से कोरोना को आसानी से खत्म किया जा सकता है।

डिसइंफेक्‍टेंट टावर

डिसइंफेक्‍टेंट टावर भी बना चुका है DRDO

बता दें कि इस डिवाइस से पहले DRDO ने UV (अल्‍ट्रावायलेट) ब्‍लास्‍टर नामक UV डिसइंफेक्‍टेंट टावर बनाने में कामयाबी हासिल की थी। यह मशीन 12x12 के कमरे को महज 10 मिनट में वायरस मुक्‍त करने की क्षमता रखती है। DRDO के अनुसार इससे कोरोना वायरस के अति संवेदनशील क्षेत्रों को कम समय में वायरस मुक्‍त किया जा सकता है। इसे दिल्‍ली स्थित DRDO की प्रयोगशाला लेजर साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी सेंटर ने गुरुग्राम की कंपनी के साथ मिलकर बनाया है।