उत्तर प्रदेश: परिवहन निगम की सफाई- दिल्ली एयरपोर्ट से गाजियाबाद और नोएडा तक कैब फ्री
दिल्ली एयरपोर्ट से गाजियाबाद और नोएडा जाने के लिए 10,000 रुपये का किराया तय करने पर किरकिरी होने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने सफाई दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निगम अब दिल्ली से नोएडा और गाजियाबाद तक लोगों को फ्री लेकर जाएगा। निगम की टैक्सी में इन शहरों से आगे स्थित अपने घर जाने वालों से किराया लिया जाएगा। आइये, मामले की ताजा अपडेट जानते हैं।
किस बात पर हुआ था हंगामा?
दरअसल, खबर आई थी कि वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों से आने वाले भारतीयों को दिल्ली से नोएडा या गाजियाबाद ले जाने के लिए निगम की टैक्सी का किराया 10,000-12,000 रुपये है। इस पर हंगामा होने के बाद UPSRTC ने सफाई जारी की है।
निगम के प्रमुख ने कही यह बात
UPSRTC के प्रमुख राज शेखर ने कहा कि विदेश से लाए जा रहे लोगों को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नोएडा तक लाने का कोई किराया नहीं लिया जा रहा। इन लोगों को पहले नोएडा में क्वारंटाइन किया जाता है। 14 दिन बाद ये लोग प्राइवेट वाहन से घर जा सकते हैं। अगर कोई प्राइवेट वाहन से नहीं जाना चाहता तो निगम उनके लिए टैक्सी और बस का इंतजाम कर सकता है, जिसके लिए उन्हें किराया देना होगा।
किराये के निर्धारण के लिए बनाई गई समिति
जब उनसे पूछा गया कि क्या अगर कोई व्यक्ति नोएडा से आगे अपने घर जाना चाहता है तो उसे 10,000 रुपये का किराया देना पड़ेगा? इसके जवाब में शेखर ने कहा कि इसका निर्धारण करने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है।
क्या था मामला?
दरअसल, पहले UPSRTC ने एयरपोर्ट से 250 किमी के दायरे में सफर के लिए टैक्सी का किराया 10,000 रुपये रखा था। इससे आगे जाने पर 40 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से अलग भुगतान करना होता। निगम ने बताया था कि सेडान की बुकिंग के लिए खर्च 10,000 रुपये और SUV के लिए 12,000 रुपये होगा। वहीं 100 किलोमीटर की दूरी के लिए नॉन-एसी बस का किराया 1,000 प्रति सीट और एसी बस का किराया 1,320 रुपये प्रति सीट होता।
क्या है वंदे भारत मिशन?
बीती 4 मई को केंद्र सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को चरणों में नौसेना के जहाजों और विमानों के जरिए भारत वापस लाने के लिए इस मिशन की शुरुआत की थी। इसके पहले चरण में 13 देशों में फंसे लगभग 15,000 भारतीयों को वापस देश लाया जा चुका है। इसका दूसरा चरण 16 मई से शुरू होगा और 22 मई तक चलेगा। इस चरण में 149 उड़ानों में 31 देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा।