Page Loader
#NewsBytesExclusive: क्या बहुत अधिक चीनी खाना मधुमेह का कारण बन सकता है? डायबिटोलॉजिस्ट से जानिए
डायबिटोलॉजिस्ट डॉ अजीत सिंह घई (अमर लीला अस्पताल, दिल्ली)

#NewsBytesExclusive: क्या बहुत अधिक चीनी खाना मधुमेह का कारण बन सकता है? डायबिटोलॉजिस्ट से जानिए

लेखन अंजली
Dec 11, 2021
12:45 pm

क्या है खबर?

खराब जीवनशैली के कारण कई गंभीर बीमारियां सामान्य बनती जा रही हैं। मधुमेह भी ऐसी ही बीमारियों में से एक है। खून में शुगर की मात्रा बढ़ने से मधुमेह होता है और कई लोगों का ऐसा मानना है कि मधुमेह होने का मुख्य कारण चीनी का अधिक सेवन करना है। यह बात सच है या नहीं, इसके बारे में हमने डायबिटोलॉजिस्ट डॉक्टर अजीत सिंह घई से बात की। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।

जानकारी

मधुमेह क्या है?

सबसे पहले डॉ घई ने हमें बताया कि मधुमेह की बीमारी तब होती है, जब इंसुलिन (पैंक्रियाज द्वारा बनाया जाने वाला हार्मोंन) के काम में रूकावट पैदा हो जाती है। बता दें कि इंसुलिन खून में मिलकर ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने में मदद करता है और जब इसकी कार्यप्रणाली में किसी तरह की रूकावट आ जाती है, तब ग्लूकोज ऊर्जा में बदलने की बजाय खून में ठहर जाता है और इसकी बढ़ती मात्रा ही मधुमेह का कारण बनती है।

प्रकार

मधुमेह के प्रकार

डॉ घई ने बताया की मधुमेह के प्रमुख दो प्रकार होते हैं। टाइप 1: मधुमेह का यह प्रकार अमूमन कम उम्र के लोगों में देखने को मिलता है, जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है, जिस कारण इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता है। टाइप 2: आमतौर पर मधुमेह का यह प्रकार अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता है, जिनका शरीर सही तरह से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है।

लक्षण

मधुमेह की ओर इशारा करते हैं ये शुरूआती लक्षण

डॉ घई ने बताया कि मधुमेह होने की शुरूआत में शरीर कुछ संकेत देता है, जिन्हें इस बीमारी के लक्षण भी कहा जा सकता है। अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, भूख का बढ़ना, इंफेक्शन होना, अधिक थकान महसूस करना, वजन घटना, शरीर में कमजोरी महसूस करना, पैरों में दर्द रहना और घाव का ठीक न होना आदि इस बीमारी के शुरूआती शारीरिक लक्षण हैं। इसलिए इन समस्याओं को हल्के में लेने की गलती न करें।

कारण

क्या चीनी का अधिक सेवन ही मधुमेह का कारण है?

डॉ घई के मुताबिक, यह सिर्फ भ्रम है कि चीनी का अधिक सेवन ही मधुमेह का कारण होता है। मधुमेह होने के विभिन्न कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। उदाहरण के लिए मधुमेह की बीमारी आनुवांशिक हो सकती है यानी अगर आपके माता-पिता को मधुमेह की शिकायत है तो आपको भी यह बीमारी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अधिक वजन, ज्यादा तनाव लेने, अल्कोहल का सेवन और स्टेरॉयड्स जैसी दवा खाने वाले लोगों को भी मधुमेह का खतरा हो सकता है।

सलाह

मधुमेह रोगियों के लिए मीठे से दूर रहना ही सही है?

इस बारे में डॉ घई का कहना है कि मधुमेह रोगियों के लिए मीठे से दूर रहना बहुत जरूरी है। डॉ घई के मुताबिक, "मैं अपने पास आने वाले मधुमेह रोगियों को सबसे पहले यही सलाह देता हूं कि चीनी, बूरा, शक्कर और खांड आदि से बनी चीजों से दूरी बनाएं क्योंकि इन चीजों के सेवन से वजन बढ़ता है और अधिक वजन इंसुलिन के कार्य को प्रभावित करता है, जिससे शरीर की रक्त शर्करा भी गड़बड़ा सकती है।"

मात्रा

मधुमेह रोगी के लिए रोजाना कितनी मात्रा में मीठी चीजों का सेवन करना सही है?

डॉ घई के मुताबिक, मधुमेह रोगियों के लिए चीनी या फिर गुड़, शक्कर और खांड जैसी किसी भी तरह की मीठी चीजों का सेवन करना बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि इन चीजों को गन्ने से बनाया जाता है, जिसमें सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो मधुमेह रोगियों के लिए नुकसानदायक है। हालांकि, मधुमेह रोगियों के लिए कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट लेना सुरक्षित है, जो कि सेब, अमरूद और जामुन जैसे फलों में मौजूद होता है।

खतरा

मधुमेह का खतरा किन लोगों को ज्यादा है?

डॉ घई का कहना है कि मोटापे और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगों को मधुमेह का अधिक खतरा है। वहीं, जोड़ों में दर्द और अस्थमा जैसी बीमारियों के इलाज के लिए खाई जाने वाली स्टेरॉयड्स (दवा) के कारण भी मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। इसके साथ ही अधिक धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन भी मधुमेह का खतरा उत्पन्न कर सकता है क्योंकि ये चीजें इंसुलिन के कार्य को प्रभावित करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप मधुमेह हो सकती है।

आंतरिक अंग

मधुमेह से किन अंगों को नुकसान पहुंचता है?

डॉ घई ने बताया कि मधुमेह से आंखों की रक्त वाहिकाओं (Blood vessels) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे रेटिना में सूजन बढ़ने लगती है और आंखें कमजोर हो जाती हैं। वहीं, अगर किसी व्यक्ति के ब्लड शुगर का स्तर लंबे समय से बढ़ा हुआ है तो यह उनकी किडनी के लिए खतरा हो सकता है। इसके साथ ही इससे हृदय संबंधी समस्याओं, मानसिक रोग और कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

निदान

मधुमेह का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट करवाने चाहिए?

डॉ घई कहते हैं, "मधुमेह का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह शारीरिक जांच और टेस्ट के बाद आपको इसके बारे में बता सके। इसके लिए डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं।" उन्होंने कहा कि इसके अलावा, डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट या फिर यूरिन टेस्ट कराने को कह सकते हैं ताकि शरीर में इंसुलिन की स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा सके।

डाइट

मधुमेह के रोगी अपनी डाइट में शामिल करें ये खाद्य पदार्थ

डॉ घई का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह है तो उसकी डाइट में शामिल खाद्य पदार्थ पोषक गुणों से भरपूर होने चाहिए। इसके लिए रोगी अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज का आटा, फल, खाने वाले बीज और कम वसा युक्त दुग्ध उत्पादों आदि को शामिल करें क्योंकि ये खाद्य पदार्थ हाई फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होते हैं। इसके साथ पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन भी जरूरी है।

जानकारी

मधुमेह होने पर इन चीजों से बना लें दूरी

मधुमेह के रोगी अधिक नमक युक्त भोजन का सेवन न करें, मीठे खाद्य पदार्थों से दूरी बना लें, अधिक तला खाना न खाएं, ज्यादा फैट युक्त सामग्रियों का इस्तेमाल करने से भी बचें। इसके अलावा, कार्बोनेटेड और अल्कोहल के सेवन से भी दूर रहें।

शारीरिक सक्रियता

मधुमेह के जोखिमों को कम करने वाली एक्सरसाइज और योगासन

डॉ घई के अनुसार, "मधुमेह के रोगी अगर रोजाना 45 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर लेते हैं तो यह उनके लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है क्योंकि इसकी मदद से मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने के साथ कई तरह के अन्य स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। इसके अतिरिक्त, स्वीमिंग, साइकलिंग और ट्रेडमिल पर चलना आदि एक्सरसाइज भी मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक हैं।" योगासनों के तौर पर सूर्य नमस्कार, मंडूकासन और अर्धमत्स्येन्द्रासन आदि का अभ्यास करना फायदेमंद है।

क्या आप जानते हैं?

मधुमेह के लिए घरेलू नुस्खों को अपनाना चाहिए या नहीं?

इस बारे में डॉ घई का कहना है कि मधुमेह रोगी किसी भी तरह के घरेलू नुस्खे को न अपनाएं बल्कि डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता दें क्योंकि इस बीमारी के स्तर को नियंत्रित करने में डॉक्टरी सलाह मदद कर सकती है।

इलाज

मधुमेह का क्या इलाज है?

डॉ घई कहते हैं, "मधुमेह का कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन इस बीमारी के स्तर को नियंत्रित करने में कुछ दवाएं काफी मदद कर सकती हैं। अगर किसी को टाइप-1 मधुमेह है तो उसके लिए समय-समय पर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति टाइप-2 मधुमेह से ग्रस्त है तो वह डॉक्टर की बताई दवा का सेवन करें।" डॉक्टर के अनुसार पीड़ित व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में बदलाव करन होगा।