प्लैंक एक्सरसाइज कैसे की जाती है? जानिए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
प्लैंक एक्सरसाइज शरीर को फिट एंड फाइन रखने में काफी मदद कर सकती है। अगर आप पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम करने से लेकर शरीर की मांसपेशियों में मजबूती लाना चाहते हैं तो रोजाना इस एक्सरसाइज को करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस एक्सरसाइज के लिए किसी भी तरह के जिम उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती। आइए आज आपको इस एक्सरसाइज से जुड़ी कुछ अहम बातें बताते हैं।
प्लैंक एक्सरसाइज करने का तरीका
सबसे पहले अपने घुटने मोड़कर जमीन पर बैठ जाएं और दोनों कोहनियों को फर्श पर टिकाकर आपस में बांध लें, फिर पैरों को फैलाकर पेट के बल लेट जाएं। ध्यान रहें कि इस दौरान आपके कंधे और कोहनियां एक ही सीध में हो। कोहनी को कसकर रखें और शरीर का भार पैरों की उंगुलियों और हथेलियों पर रखें, फिर पांच-छह मिनट इसी स्थिति में रहें। इसके बाद धीरे-धीरे एक्सरसाइज छोड़ते हुए सामान्य हो जाए।
एक्सरसाइज करते समय जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर आपके कंधों या पीठ में किसी भी प्रकार की चोट या दर्द है तो प्लैंक एक्सरसाइज को करने से बचें। अगर आप अर्थराइटिस से ग्रस्त हैं या फिर आपके किसी पैर या फिर घुटने में दर्द है तो भी इस एक्सरसाइज को न करें। मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इस एक्सरसाइज का अभ्यास नहीं करना चाहिए। किसी भी बीमारी के दौरान इस एक्सरसाइज को करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
रोजाना प्लैंक एक्सरसाइज करने के फायदे
प्लैंक एक बेहतरीन फैट बर्नर एक्सरसाइज है। इस एक्सरसाइज को करने से शरीर का संतुलन और स्थिरता बढ़ती है। रोजाना प्लैंक करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद मिलती है। एब्स बनाने और एब्स को टोन करने के लिए भी इस एक्सरसाइज का अभ्यास करना फायदेमंद होता है। इस एक्सरसाइज से हृदय के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह एक्सरसाइज शरीर की मुख्य मांसपेशियों को मजबूती देती है। यह एक्सरसाइज एकाग्रता क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है।
एक्सरसाइज के दौरान की जाने वाली आम गलतियां
प्लैंक करते समय अपनी पीठ के निचले हिस्से को झुकाना सबसे बड़ी गलती है क्योंकि इससे उसमें स्प्रेन आ सकता है। इसलिए एक्सरसाइज के दौरान अपनी पीठ का निचला हिस्सा हमेशा सीधा रखना चाहिए। यह एक्सरसाइज करते समय कूल्हों को उठाना भी गलती है। प्लैंक करते समय हमेशा अपने शरीर को सीधा रखना चाहिए। प्लैंक करते समय घुटनों को मोड़ना और गर्दन को सख्त रखना भी मुसीबत का कारण बन सकता है।