क्या ज्यादा एक्सरसाइज से बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? फिटनेस एक्सपर्ट से जानिए
क्या है खबर?
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि रोजाना एक्सरसाइज करना हृदय के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन क्या जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करना हार्ट अटैक का कारण बन सकता है?
इस बात को समझने के लिए हमने फिटनेस एक्सपर्ट डॉक्टर व्योम सिंह बोलिया से बातचीत की, जिन्होंने हमें जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने से हृदय पर पड़ने वाले नुकसान और इस विषय से जुड़ी अन्य कई महत्वपूर्ण बातें बताईं।
जानकारी
हार्ट अटैक क्या है?
जब हृदय की मांसपेशियों को खून की आपूर्ति करने वाली धमनियों में प्लाक के जमा होने के कारण रूकावट आ जाती है तो हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।
अगर इस स्थिति को बिना उपचार के छोड़ दिया जाए तो यह किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
इसलिए हार्ट अटैक के लक्षणों को गंभीरता से लें और डॉक्टरी सलाह के अनुसार बीमारी का उपचार कराएं।
संबंध
एक्सरसाइज का हार्ट अटैक से क्या संबंध है?
इस बारे में डॉ बोलिया का कहना है कि एक्सरसाइज का नहीं, बल्कि अधिक एक्सरसाइज का हार्ट अटैक से गहरा संबंध है क्योंकि सही और सीमित समय तक की जाने वाली एक्सरसाइज का हृदय और पूरे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके विपरीत अधिक एक्सरसाइज करने से न सिर्फ हार्ट अटैक, बल्कि कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हर व्यक्ति फिटनेस एक्सपर्ट की देखरेख में अपना वर्कआउट सेशन बनाए।
कारण
एक्सरसाइज करने के दौरान ऐसा क्या होता है, जो हार्ट अटैक का कारण बनता है?
डॉ बोलिया के मुताबिक, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने के कारण हृदय की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ने से हार्ट अटैक आ सकता है।
इसके अतिरिक्त अनियमित जीवनशैली, गलत खान-पान, रोजाना काफी घंटों तक बिना ब्रेक लिए एक्सरसाइज करने और घर में पीढ़ियों से हृदय रोग का इतिहास होने पर हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है।
मोटापा, खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर भी हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
लक्षण
अधिक एक्सरसाइज करने के बाद दिखने वाले हार्ट अटैक के लक्षण
डॉ बोलिया ने बताया कि हार्ट अटैक आने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है जिन्हें इसके लक्षण भी कहा जा सकता है।
सीने में दर्द होना, बेचैनी, उल्टे हाथ में दर्द, जबड़े में दर्द, हृदय की धड़कन का कम होना, अचानक घबराहट महसूस करना, ज्यादा पसीना आना, चक्कर आना और बेहोश हो जाना आदि हार्ट अटैक के शारीरिक लक्षण हैं।
इसलिए इन समस्याओं को हल्के में लेने की गलती न करें।
निदान
हार्ट अटैक आने पर क्या करना चाहिए?
डॉ बोलिया के मुताबिक, अगर किसी को हार्ट अटैक आता है तो उसे तुरंत ही कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (CPR) की जरूरत होती है।
CPR एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति की धड़कन या सांस रुक जाने पर प्रयोग की जाती है। इस दौरान सांस वापस आने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है या फिर मुंह से मुंह में सांस दी जाती है।
इसके बाद व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में ले जाएं।
हार्ट अटैक
किन एक्सरसाइज को करने से हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ सकती है?
इस बारे में डॉ बोलिया का कहना है कि किसी भी तरह की एक्सरसाइज को करने से हार्ट अटैक आने की संभावना नहीं बढ़ती है।
हालांकि, अगर कोई व्यक्ति पहले से ही किसी तरह के हृदय रोग से ग्रसित है तो वह अपने वर्कआउट रूटीन में पुशअप्स और सिटअप्स जैसी आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज को शामिल न करें क्योंकि इनसे मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है।
इसके अतिरिक्त हृदय रोगियों को ज्यादा वजन उठाने वाली एक्सरसाइज भी नहीं करनी चाहिए।
अभिनेता
सिद्धार्थ शुक्ला और पुनीत राजकुमार के निधन का मुख्य कारण अधिक एक्सरसाइज करना था?
डॉ बोलिया के मुताबिक, सिद्धार्थ शुक्ला और पुनीत राजकुमार, दोनों ही अभिनेता थे, इसलिए वे अपनी बॉडी को मेंटेन करने के चक्कर में कई घंटों तक एक्सरसाइज करते थे। इसके अलावा शूटिंग शेड्यूल के कारण उनकी जीवनशैली भी बिगड़ी हुई थी।
इन कारणों की वजह से उन्हें हार्ट अटैक आने का खतरा अधिक था। इसलिए सिर्फ अधिक एक्सरसाइज को दोनों अभिनेता के निधन का मुख्य कारण मानना गलत है।
एक्सरसाइज
हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने वाली एक्सरसाइज
डॉ बोलिया के मुताबिक, हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने और हृदय को स्वस्थ रखने में योगासन और एक्सरसाइज काफी मदद कर सकते हैं।
योगासनों की बात करें तो हार्ट अटैक रोगियों के लिए धनुरासन, वृक्षासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन और वृक्षासन का रोजाना अभ्यास करना लाभदायक है।
वहीं एक्सरसाइज के तौर पर आप वॉकिंग, जॉगिंग, साइकिलिंग, सीढ़ियां चढ़ना, स्विमिंग और रस्सी कूदने आदि कार्डियो एक्सरसाइज को अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
समय
किस समय एक्सरसाइज करना हृदय और पूरे शरीर के लिए लाभदायक है?
डॉ बोलिया ने बताया कि सुबह के समय एक्सरसाइज करना हृदय के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इस समय वातावरण में ऑक्सीजन की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है।
हालांकि अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश सुबह के समय एक्सरसाइज नहीं कर पाता है तो वह हैवी खाना खाने के चार से छह घंटे बाद और हल्का खाना खाने के दो से तीन घंटे बाद एक्सरसाइज कर सकता है।
मिनट
कितनी देर तक एक्सरसाइज करना फायदेमंद है?
डॉ बोलिया के मुताबिक, नियमित तौर पर 45 से 60 मिनट तक एक्सरसाइज करना शरीर के लिए फायदेमंद है।
हालांकि ध्यान रखें कि एक्सरसाइज व्यक्ति की उम्र, वजन और चिकित्सक स्थिति के आधार पर होनी चाहिए क्योंकि गलत एक्सरसाइज शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।
बेहतर होगा कि व्यक्ति अपनी एक्सरसाइज को SSS (स्ट्रेचिंग, स्ट्रेंथ और स्टेमिना) में विभाजित कर लें क्योंकि इससे व्यक्ति के शरीर को एक्सरसाइज का पूरा फायदा मिल सकता है।
डाइट
फिटनेस फ्रीक लोगों की डाइट में जरूर शामिल होने चाहिए ये खाद्य पदार्थ
डॉ बोलिया का कहना है कि फिटनेस फ्रीक लोगों की डाइट में शामिल खाद्य पदार्थ पोषक गुणों से भरपूर होने चाहिए।
इसके लिए वे अपनी डाइट में अनाज, फल, सब्जियां, खाने वाले बीज और कम वसा युक्त दुग्ध उत्पादों आदि को शामिल करें क्योंकि पोषक तत्व से भरपूर ये चीजें हृदय के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं।
इसी के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन भी जरूरी है।
नुकसानदायक चीजें
फिटनेस फ्रीक लोगों के लिए सही नहीं है इन चीजों का सेवन
डॉ बोलिया ने बताया कि फिटनेस फ्रीक लोगों के लिए कई चीजों का सेवन बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है।
बेहतर होगा कि वे अधिक नमक युक्त भोजन का सेवन न करें, वसा युक्त दुग्ध उत्पादों से दूर बना लें, अधिक तला और मसालेदार चीजें न खाएं और सैचुरेटेड फैट और हाड्रोजेनेटेड फैट युक्त सामग्रियों का इस्तेमाल न करें।
इसी के साथ कार्बोनेटेड और अधिक मीठे पेय पदार्थ के साथ-साथ अल्कोहल के सेवन से भी दूर रहें।
बचाव के उपाय
एक्सरसाइज करते समय हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
डॉ बोलिया ने कहा कि अगर आप हार्ट अटैक से बचकर रहना चाहते हैं तो स्वस्थ आहार का सेवन करें।
इसी के साथ फिटनेस एक्सपर्ट की देखरेख में और उनकी सलाह के अनुसार अपना वर्कआउट सेशन बनाएं।
कई घंटों की बजाय कुछ मिनट तक एक्सरसाइज करें। इसी के साथ एक्सरसाइज के बीच-बीच में ब्रेक जरूर लें और कूल डाउन होते समय भी कोई गलती न करें।
धूम्रपान, शराब और नशीले पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी न करें।