फिल्म पर भड़की गुंजन सक्सेना की कोर्समेट, बोलीं- मैं थी कारगिल जाने वाली पहली महिला पायलट
बॉलीवुड अभिनेत्री जाह्ववी कपूर के अभिनय से सजी फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' रिलीज के बाद से विवादों में छाई हुई है। इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। दरअसल, हाल ही में रिटायर्ड फ्लाइट लेफ्निनेंट श्रीविद्या राजन ने फिल्म में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। उन्होंने फेसबुक पर अपनी एक लंबी पोस्ट में लिखा कि एयरफोर्स एकेडमी और हेलिकॉप्टर ट्रेनिंग में वह और गुंजन साथ थीं।
गुंजन के साथ ही हुई थी श्रीविद्या का पोस्टिंग
श्रीविद्या ने लिखा, 'हम दोनों की पोस्टिंग 1996 में उधमपुर में हुई थी। जबकि फिल्म में दिखाया गया कि वह अकेली महिला पायलट थीं। हम दोनों ही हेलिकॉप्टर यूनिट में पोस्ट होने वाली पहली महिला पायलट थीं, इसलिए पहले ही हमें इस पुरुष प्रधान वाले उड़ान क्षेत्र में अपनी स्वीकृति को लेकर संदेह हो गया था।' उन्होंने लिखा, 'कुछ सहकर्मियों का बर्ताव वैसा ही था जैसी हमने उम्मीद की थी। हालांकि, हमें सपोर्ट करने वाले वहां पर्याप्त लोग थे।'
हमें पुरुषों से ज्यादा मेहनत करनी पड़ी- श्रीविद्या
श्रीविद्या ने आगे लिखा, 'हमें मुश्किल मापदंडो पर परखा गया। हमारी कुछ गलतियों को नजरअंदाज किया जा सकता था, लेकिन हमें सुधारने के लिए पुरुष सह-कर्मियों ने सख्त एक्शन लिए।' उन्होंने बताया, 'हमें अपने सहकर्मी पुरुषों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ी, ताकि हम यह साबित कर पाएं कि हम इसके योग्य हैं। कुछ लोग ऐसे थे जो हमारे साथ प्रोफेशनल स्पेस शेयर नहीं करना चाहते थे, जबकि ज्यादातर हमें सामान्य सहकर्मियों की तरह की स्वीकार किया।'
कभी रद्द नहीं हुई फ्लाइंग- श्रीविद्या
श्रीविद्या ने कहा, 'हमारे पहुंचने के कुछ वक्त बाद ही हमारी फ्लाइंग शुरु हो गई थी। किसी भी कारण से इन्हें रद्द नहीं किया गया। जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है।' इसके अलावा उन्हें ट्रेनिंग के दौरान कभी अपमानजनक शारीरिक शक्ति दिखाने जैसी चीजों की जरूरत नहीं पड़ी, जो फिल्म में दिखाई गई। उन्होंने बताया कि उनका स्क्वॉड्रन बहुत पेशेवर था। किसी भी गलती पर वह सभी के साथ एक समान सख्त थे, चाहे वह लड़का हो या लड़की।
हमेशा सह-कर्मियों से मिली मदद- श्रीविद्या
श्रीविद्या ने बताया, जैसा कि फिल्म में दिखाया गया यूनिट में महिलाओं के लिए शौचालय और चेंजिंग रूम नहीं थे। शुरुआत में कुछ कठिनाईयों के बाद उन्होंने सह-कर्मियों के साथ सीमित संसाधनों को शेयर किया। उनके साथी हमेशा जरूरत पड़ने पर उनकी मदद करते थे।
गुंजन से पहले श्रीविद्या पहुंची थीं कारगिल
श्रीविद्या ने लिखा, 'फिल्म में दिखाया गया है कि गुंजन सक्सेना कारगिल युद्ध में पहुंचने वाली इकलौती महिला पायलट थी, जो बिल्कुल गलत है। उधमपुर में हमारी पोस्टिंग साथ हुई थी। जब कारगिल युद्ध शुरु हुआ था, उड़ान भरने पहली महिला पायलट मैं थी।' उन्होंने बताया कि गुंजन के श्रीनगर पहुंचने से पहले ही वह वहां मिशन चला चुकी थी। ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद गुंजन अगली टीम के साथ श्रीनगर पहुंची थी।
देखिए श्रीविद्या का फेसबुक पोस्ट
गुंजन सक्सेना ने भी जताई थी आपत्ति
हाल ही में खुद गुंजन ने फिल्म के तथ्यों को गलत ठहराया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें हमेशा अपने साथी अधिकारियों, कमांडिंग अधिकारियों और पर्यवेक्षकों का साथ मिला और वह उनकी आभारी है। उन्होंने कहा, "फ्लाइट की ट्रेनिंग के लिए भी शुरुआत में ही अधिकारियों ने हमें यही बात सिखाई थी कि विमान को नहीं पता कि उसे उड़ाने वाला कोई पुरुष है या महिला इसलिए प्रशिक्षण के दौरान वह भी उनमें कोई अंतर नहीं करेंगे।"
वायुसेना ने की NOC रद्द करने की मांग
गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय वायुसेना की ओर से सेंसर बोर्ड को एक पत्र लिखा गया था जिसमें उन्होंने धर्मा प्रोडक्शन की इस फिल्म के कुछ सीन्स पर आपत्ति जताते हुए NOC रद्द करने की मांग की थी। फिल्म को लेकर एक वायुसेना अधिकारी ने बताया कि IAF ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सर्टिफिकेशन (CBFC) को एक पत्र लिखकर फिल्म के कुछ सीन्स पर आपत्ति जताई है। जिनमें IAF को गलत रूप से दिखाया गया है।