देश के पांच शहरों में खुलेंगे वेद विद्या प्रतिष्ठान, छात्रों को मिलेगा सेकेंड्री बोर्ड का सर्टिफिकेट
क्या है खबर?
देश में वेद विद्या से जुड़े छात्रों को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है।
केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि जल्द ही देश के पांच शहरों द्वारका, बद्रीनाथ, पुरी, गुवाहाटी और श्रृंगेरी में नए वेद विद्या प्रतिष्ठान खोले जाएंगे।
उन्होंने इसके साथ ही यह भी घोषणा की कि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के विद्यार्थियों को सेकंडरी परीक्षा बोर्ड की मान्यता दी जाएगी।
वेद
देश में 6,000 से अधिक छात्र पढ़ रहे वेद विद्या
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के यज्ञशाला का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा, "अभी तक वेद विद्या को लेकर कोई डिग्री की व्यवस्था नहीं थी। कोई सर्टिफिकेट की व्यवस्था नही थी। भारत सरकार ने अब निर्णय लिया है कि महृषि संदीपनी वेद विद्या को सेकेंडरी बोर्ड की मान्यता दी जाएगी।"
वेदों के संरक्षण और संवर्धन के लिए यह प्रतिष्ठान देश भर के 6,000 से अधिक छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहा है।
प्रावधान
वेद विद्या प्राप्त करने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा से जोड़ने का किया जाएगा प्रावधान
प्रधान ने कहा कि मैथ्स, फिजिक्स, केमेस्ट्री, हिस्ट्री और अन्य सभी की पढ़ाई के जैसे ही वेद विद्या को मान्यता दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि संस्कृत में ही इसकी पढ़ाई होगी और उच्च शिक्षा में कैसे प्रवेश दिया जाए इसकी व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा, "अभी तक हमारे पास वेद विद्या के लिए डिग्री की व्यवस्था नहीं है। हमारी अनमोल वेद व्यवस्था को आधुनिक शिक्षा व्यवस्था से जोड़ने के किए भारत सरकार जल्द ही निर्णय करने जा रही है।"
आदर
सभी भारतीय भाषाओं को पूरे आदर के साथ 'राष्ट्रीय भाषाएं' मानती है सरकार- प्रधान
एक अन्य कार्यक्रम के दौरान प्रधान ने पिछले कुछ दिनों से देश में भाषा को लेकर चल रही बहस के बीच उन्होंने इस आरोप को सिरे से खारिज किया कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए पढ़ाई-लिखाई का भगवाकरण कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार हिन्दी समेत सभी भारतीय भाषाओं को पूरे आदर के साथ 'राष्ट्रीय भाषाएं' मानती है और उन्हें बराबर महत्व देती है।
भ्रम
भाषाओं को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम- प्रधान
प्रधान ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कुछ लोगों का अपना दृष्टिकोण है और वह उन्हें शुभेच्छाएं देते हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को देश के सभी तबकों के लोगों के सुझावों के आधार पर बनाया गया है और सब इस नीति को लेकर सहमत हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय भाषाओं को लेकर लोगों में राजनीतिक कारणों से भ्रम फैलाया जाता है।