महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले हिन्दू धर्मगुरु कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से ही छत्तीसगढ़ पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर वापस छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ले गई है। रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रशांत अग्रवाल ने कालीचरण की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। कालीचरण महाराज को आज शाम तक कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कालीचरण ने रायपुर में दिया था विवादास्पद भाषण
कालीचरण ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित 'धर्म संसद' में विवादास्पद भाषण दिया था। कालीचरण ने अपने भाषण में महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा था, "मोहनदास करमचंद गांधी ने देश को नष्ट कर दिया। नाथूराम गोडसे को सलाम, जिन्होंने उन्हें मार डाला। लोग हिंदू धर्म की 'रक्षा' करने के लिए एक 'कट्टर हिंदू नेता' चुनें।" उन्होंने दो समुदायों के बीच नफरत भड़काते हुए कहा कि इस्लाम का उद्देश्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है।
गिरफ्तारी के तरीके पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने जताई आपत्ति
छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा मध्य प्रदेश से कालीचरण की गिरफ्तारी के तरीके पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई है। मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमें छत्तीसगढ़ पुलिस के तरीके पर आपत्ति है। ये अंतरराज्यीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को इस प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था। संघीय मर्यादाएं इसकी बिल्कुल अनुमति नहीं देती हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस को इसकी सूचना देनी चाहिए थी।"
न्याय में इतना विलंब नहीं होना चाहिए कि वो अपमान लगने लगे- भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि न्याय में इतना विलंब नहीं होना चाहिए कि वो अपमान लगने लगे। उन्होंने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल पूछा है कि वे महात्मा गांधी को गाली देने वाले की गिरफ़्तारी से ख़ुश हैं या दुखी? भूपेश बघेल ने कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है और छत्तीसगढ़ की पुलिस ने प्रक्रिया के तहत ही गिरफ़्तारी की है।
कालीचरण ने की थी पुलिस को चकमा देने की कोशिश- सूत्र
पुलिस सूत्रों के अनुसार, "कालीचरण ने खजुराहो में एक गेस्ट हाउस बुक किया था लेकिन वे वहां नहीं रुके। इसके बजाय वे पुलिस को चकमा देने के लिए खजुराहो से लगभग 25 किलोमीटर दूर एक किराए के घर में गए।" सूत्रों ने आगे बताया, "पुलिस द्वारा ट्रैक किए जाने से बचने के लिए उनके सभी करीबी सहयोगियों ने भी अपने फोन बंद कर लिए थे, लेकिन 10 पुलिसकर्मियों की एक टीम ने आज उनका पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।"
कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे ने दर्ज कराया मामला
कालीचरण की अपमानजनक टिप्पणियों को सुनकर कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक महंत रामसुंदर दास गुस्से में मंच छोड़कर चले गए थे। कार्यक्रम में शामिल हुए कांग्रेस नेता और पूर्व मेयर प्रमोद दुबे ने उनके विवादास्पद भाषण के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था। शिकायत में कालीचरण पर दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया। इसके बाद पुलिस ने विवादास्पद भाषण वाली वीडियो जब्त कर कालीचरण की तलाश शुरू कर दी थी।
महात्मा गांधी को गाली देने का मुझे कोई अफसोस नहीं- कालीचरण
छत्तीसगढ़ में शिकायत दर्ज होने के बाद भी कालीचरण के बोल नहीं बदले थे। नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार, दो दिन पहले कालीचरण ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था, "महात्मा गांधी को गाली देने का मुझे कोई अफसोस नहीं है। मुझे फांसी पर चढ़ा दोगे तो भी मेरे सुर नहीं बदलेंगे। मैं गांधी से नफरत करता हूँ। मुझे ऐसी FIR से कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके लिए मुझे फांसी हो वह भी स्वीकार है।"