सुप्रीम कोर्ट पहुंचे UPSC उम्मीदवार, सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में मांगा एक और मौका
क्या है खबर?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहे तीन अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कोरोना वायरस से पीड़ित होने के कारण वह जनवरी में आयोजित मुख्य परीक्षा के सभी पेपरों में उपस्थित नहीं हो सके।
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ इस मामले पर 7 मार्च को सुनवाई करेगी।
कोरोना वायरस
याचिकाकर्ताओं ने क्या-क्या मांगें की?
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से UPSC को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वो उन्हें परीक्षा में शामिल होने के लिए एक अतिरिक्त अवसर दें या परीक्षा परिणाम प्रकाशित होने से पहले उनके शेष पेपरों की परीक्षा की व्यवस्था करें।
तीन में से दो याचिकाकर्ता मुख्य परीक्षा के कुछ शुरुआती पेपर दे चुके थे, लेकिन शेष पेपरों में भाग नहीं ले सके।
वहीं तीसरा याचिकाकर्ता कोविड -19 संक्रमण के कारण किसी भी पेपर में उपस्थित नहीं हो पाया था।
दलील
याचिका में क्या दलील दी गई?
याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता शशांक सिंह के माध्यम से दायर अर्जी में कहा है कि 6, 13 और 14 जनवरी की वे कोरोना वायरस की टेस्ट रिपोर्ट में संक्रमित पाए गए थे।
याचिका में दलील दी गई है कि क्वारंटीन नियमों के तहत लगाई गई पाबंदियों के कारण वह मुख्य परीक्षा नहीं दे सके थे।
इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमित उम्मीदवारों के लिए अलग से परीक्षा कराने या अलग कक्ष में बैठकर परीक्षा देने जैसी नीतियों का अभाव था।
इंतजाम
कोरोना संक्रमितों के लिए नहीं थी कोई नीति- याचिका
याचिका में कहा गया है कि UPSC की ऐसी कोई नीति या प्रबंध नहीं था जिससे सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित कोई अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो सके।
याचिका में इस समस्या का तर्क देते हुए अभ्यर्थियों के अधिकारों के उल्लंघन की बात कही गई है जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के तहत आता है।
परीक्षा केंद्र
न्यूजबाइट्स प्लस
आयोग ने UPSC 2022 प्रारंभिक परीक्षा के लिए नोटिस जारी कर बताया है कि अभ्यर्थी अगर चाहें तो परीक्षा का केंद्र बदल सकते हैं।
हालांकि यह सुविधा केवल हिमाचल प्रदेश से परीक्षा देने वाले छात्रों को दी गई है।
खासतौर पर धर्मशाला और मंडी में रहने वाले छात्र संशोधित परीक्षा केंद्र की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
आयोग ने नोटिस में ये भी लिखा है कि उम्मीदवारों को ये सुविधा 'फर्स्ट-अप्लाई-फर्स्ट-अलॉट' के आधार पर दी जाएगी।