प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक: सुप्रीम कोर्ट ने यात्रा के रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के निर्देश दिए
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है, जिसमें सुरक्षा चूक की घटना हुई थी।
साथ ही मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना, न्यायधीश सुर्यकांत और न्यायधीश हिमा कोहली की बेंच ने पंजाब पुलिस, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सभी केंद्रीय और राज्य की एजेंसियों को रजिस्ट्रार जनरल का सहयोग करने को कहा है।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
पृष्ठभूमि
कहां हुई थी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक?
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के भठिंडा से हुसैनीवाला जा रहे थे। उन्हें यह सफर हेलिकॉप्टर से तय करना था, लेकिन खराब मौसम के चलते ऐसा नहीं हो सका।
इसक बाद उनका काफिला सड़क मार्ग से आगे बढ़ गया। हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर पहले प्रदर्शनकारियों ने सड़क को बंद कर रखा था। ऐसे में प्रधानमंत्री को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर खड़े रहना पड़ा था।
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।
जानकारी
10 जनवरी को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस के महानिदेशक (DGP) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना की जांच कर रही राज्य और केंद्र सरकार की समितियों को 10 जनवरी तक अपनी जांच रोकने को कहा है। 10 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी।
बता दें कि पंजाब सरकार ने दो सदस्यीय और केंद्र सरकार ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है।
दलील
याचिकाकर्ता की तरफ से क्या कहा गया?
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से दलील देते हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि कानून के तहत केंद्र और राज्य सरकारों को SPG की मदद करनी होती है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान बाधा पहुंची और यह सुरक्षा में उच्चतम दर्जे की चूक है।
उन्होंने कहा कि राज्य इसकी जांच नहीं कर सकता और पेशेवर जांच की जरूरत है। उन्होंने कोर्ट से ऐसे मामलों की जांच के दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की।
दलील
केंद्र ने क्या कहा?
केंद्र की तरफ से पेश होते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जब भी प्रधानमंत्री का काफिला सड़क से सफर करता है तो उस राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) रास्ते की जांच करते हैं। यहां DGP ने हरी झंडी दे दी थी। काफिले में एक कार भी चलती है जो खतरे को भांप सके। यहां स्थानीय SP प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रहे थे और वॉर्निंग कार को भी प्रदर्शन की सूचना नहीं दी गई थी।
दलील
"सीमापार से आतंकवाद की भी आशंका"
मेहता ने कहा कि सीमापार से आतंकवाद भी आशंका है। इसलिए मामले की जांच में NIA को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण भारत को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है।
वहीं पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना को हल्के में नहीं ले रही है और घटना के दिन ही जांच समिति बना दी गई थी। मामले में FIR भी दर्ज की गई है।