
दलीप ट्रॉफी के इतिहास में बनाए गए सर्वाधिक टीम स्कोर, जानिए आंकड़े
क्या है खबर?
दलीप ट्रॉफी भारतीय घरेलू क्रिकेट का प्रतिष्ठित टूर्नामेंट हमेशा से ही बल्लेबाजों के लिए अपने कौशल और धैर्य का प्रदर्शन करने का बेहतरीन मंच रहा है। यहां बल्लेबाजों ने रनों की झड़ी लगाते हुए विशाल स्कोर खड़े किए हैं जो आज भी सुनहरे अक्षरों में दर्ज हैं। इन स्कोरों ने न सिर्फ टीम को मजबूत स्थिति दिलाई, बल्कि टूर्नामेंट के इतिहास को भी अविस्मरणीय बना दिया। आइए इस टूर्नामेंट में बने सर्वाधिक टीम स्कोर पर एक नजर डालते हैं।
#1
नॉर्थ जोन 868 रन बनाम वेस्ट जोन, 1987
दलीप ट्रॉफी के इतिहास में केवल एक बार 800 से अधिक का स्कोर बना है। साल 1987 में भिलाई में खेले गए फाइनल में नॉर्थ जोन ने वेस्ट जोन के खिलाफ 868 रन बनाए थे। दिवंगत रमन लांबा ने 471 गेंदों का सामना करते हुए 320 रन बनाए थे। यह टूर्नामेंट का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर भी है। पूर्व दिग्गज खिलाड़ी मदन लाल की कप्तानी में नॉर्थ जोन ने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के दम पर खिताब अपने नाम किया था।
#2
वेस्ट जोन 769 रन बनाम नॉर्थ जोन, 2010
साल 2010 के सेमीफाइनल में वेस्ट जोन ने पहली पारी में नॉर्थ जोन के खिलाफ 769 रन बनाए थे। अभिषेक नायर ने 259 रनों शानदार पारी खेली थी। उनके अलावा निचले क्रम में रमेश पोवार के बल्ले से शतक निकला था। नॉर्थ जोन की टीम 294 रन पर सिमट गई। इसके बावजूद वेस्ट जोन ने फॉलोऑन नहीं दिया और दूसरी पारी में 345/7 का स्कोर बनाया। पहली पारी की बढ़त के आधार पर वेस्ट जोन ने मुकाबला अपने नाम किया।
#3
वेस्ट जोन, 747 रन बनाम साउथ जोन, 1991
साल 1991 के दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल में वेस्ट जोन ने साउथ जोन को राउरकेला में हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में साउथ जोन ने पहली पारी में 515 रन बनाए थे। वेस्ट जोन ने जवाब में 747 रन बना डाले थे। लालचंद राजपूत और सचिन तेंदुलकर ने शतक जमाए थे। दूसरी पारी में साउथ जोन ने 409/5 रन बनाए, लेकिन पहली पारी की बढ़त के आधार पर वेस्ट जोन ने जीत दर्ज की।
#4
साउथ जोन, 740 रन बनाम वेस्ट जोन, 1986
साल 1986 में साउथ जोन की टीम ने वेस्ट जोन के खिलाफ 740 रन बनाए थे। वेस्ट जोन ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 516 रन बनाए थे। जवाब में कप्तान कृष्णम्माचारी श्रीकांत ने शानदार शतकी पारी (112) खेली थी। उनके अलावा कार्लटन सलदान्हा और भरत अरूण के बल्ले से भी शतक निकले थे। इन्हीं प्रदर्शन की मदद से साउथ जोन ने 740 रन बनाए थे। पहली पारी में बढ़त के आधार पर साउथ जोन ने मुकाबला जीत लिया था।