अब IGNOU समेत ये छह यूनिवर्सिटी भी कराएंगी ऑनलाइन डिग्री कोर्स, जानें कैसे होगी परीक्षा
क्या है खबर?
ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक अच्छी खबर है।
अब विदेश की तरह ही भारत में भी कई संस्थान ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम ऑफर करेंगी। आज के समय में ऑनलाइन पढ़ाई का काफी चलन है।
अभी हाल ही में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया है, जिसमें इसको लेकर घोषणा की गई है।
आइए जानें कितनी संस्थान कराएंगी ऑनलाइन कौन से ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम।
यूनिवर्सिटी
सात यूनिवर्सिटी कराएंगी ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम
अब भारत की सात यूनिवर्सिटी पहली बार ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम ऑफर करने वाली हैं, जिसमें शैक्षणिक सत्र 2020 से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने IGNOU, AMITY नोएडा, मणिपाल अकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, भारती विद्यापीठ पुणे, JSS एकेडमी मैसूर, डॉ डीवाई पाटिल विद्यापीठ पुणे और शनमुगा यूनिवर्सिटी तंजावुर को ऑनलाइन माध्यम में डिग्री कोर्स ऑफर करने की अनुमति प्रदान की है।
पाठ्यक्रम
ये पाठ्यक्रम नहीं हो सकते ऑनलाइन माध्यम में
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इन सभी यूनिवर्सिटी को UGC रेगुलेशन 2018 के तहत पढ़ाई करानी होगी। इन सातों यूनिवर्सिटी को फीस और प्रवेश से संबंधित सभी शर्तों को मानना होगा।
इसके साथ ही ये यूनिविर्सिटी वे पाठ्यक्रम ही ऑनलाइन ऑफर कर सकती हैं, जिसमें प्रैक्टिकल नहीं है। प्रैक्टिकल वाले पाठ्यक्रम जैसे आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, फार्मेसी आदि को ऑनलाइन माध्यम में कराने की अनुमति नहीं है।
जानकारी
इन पाठ्यक्रमों को मिली अनुमति
सरकार द्वारा अनुमति मिलने वाले पाठ्यक्रमों में MBA (हॉस्पिटल एडिमिनस्ट्रेशन), BBA, BSc, BA, BA (टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन), BA (जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन), BCom, MCom, हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर मैनेजमेंट सर्टिफिकेट प्रोग्राम, संस्कृत में डिप्लोमा, टूरिज्म स्टडीज, रशियन, अरेबिक में सर्टिफिकेट के साथ-साथ अन्य कई पाठ्यक्रम शामिल हैं।
परीक्षा
ऐसा होगा पाठ्यक्रम और कंप्यूटर आधारित होगी परीक्षा
ऑनलाइन डिग्री के माध्यम से अब छात्र घर पर बैठकर ही पढ़ाई कर पाएंगे। छात्रों को पढ़ाई से संबंधित ऑडियो-वीडियो लेक्चर और स्टडी मैटेरियल आदि उनके एडवाइजर प्रदान कराएंगे।
बता दें कि ऑनलाइन डिग्री का पाठ्यक्रम सामान्य डिग्री पाठ्यक्रम जैसा ही होगा। वहीं परीक्षा का आयोजन यूनिवर्सिटी द्वारा बनाए गए केंद्रों पर कंप्यूटर आधारित मोड में किया जाएगा।
सरकार के इस निर्णय से कई छात्रों की परेशानी कम हो जाएंगी।