लड़कियां नहीं हैं लड़कों से कम, हरियाणा 10वीं की इन टॉपर्स ने किया साबित
क्या है खबर?
हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) ने 18 मई, 2019 को 10वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया था।
हरियाणा बोर्ड 10वीं की परीक्षा में कुल 57.39% छात्र पास हुए हैं।
लड़कियों ने लड़कों से अच्छा प्रदर्शन किया है। कुल 62% लड़कियों ने HBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की हैं। लड़कों का पास प्रतिशत कुल 53% रहा है।
इन आंकड़ों को देखकर हम कह सकते हैं कि लड़कियां लड़कों से कम नहीं है।
आइए जानें टॉपर्स की कुछ कहानियां।
टॉपर
पहले स्थान पर हैं तीन लड़कियां
हरियाणा बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में तीन लड़कियों ने और एक लड़के ने कुल 500 में से 497 (99.4%) नंबर के साथ टॉप किया है।
झज्जर से हिमांशु, कैथल से ईशा और शालिनी और पानीपत से संजू ने परीक्षा में टॉप किया है।
रैंक दो पर भी चार छात्रों के बीच टाई हुआ है। जिनमें से सभी लड़कियां हैं।
बोर्ड परीक्षा में टॉप रैंक पाने वाली सभी लड़कियां आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों से हैं।
ईशा
लेबर की बेटी ईशा बनना चाहती हैं प्रधानमंत्री
16 साल की ईशा देवी के अंग्रेजी, गणित और संस्कृत में 100-100 नबंर आए हैं।
उनके घर में चार सदस्यों में सिर्फ उसके पिता ही कमाने वाले हैं।
The Indian Express से बात करते हुए उसने कहा, "मेरे पिता एक मजदूर हैं। मैं समझती हूं कि परिवार में कठिनाइयां हैं, लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे कभी महसूस नहीं होने दिया और न ही यह मेरे और मेरी पढ़ाई के बीच आया।"
ईशा स्कूल के बाद 10 घंटे पढ़ाई करती थी।
संजू
कारपेंटर की बेटी संजू बनना चाहती हैं IAS अधिकारी
बढ़ई (कारपेंटर) की बेटी संजू के साइंस, गणित और संस्कृत में 100-100 और सोशल साइंस में 98 नंबर आंए हैं।
16 वर्षीय संजू सुबह 5 बजे उठती थी और अपने टाइम टेबल का पालन करती थी।
संजू 8 घंटे पढ़ाई में 15-30 मिनट का ब्रेक लेती थी। वह IAS अधिकारी बनना चाहती है।
संजू के पिता ने उसका पढ़ाई में बहुत समर्थन किया।
संजू ने 11वीं में गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री (नॉन-मेडिकल) विकल्प चुना है।
शालिनी
शालिनी बनना चाहती हैं डॉक्टर
शालिनी शर्मा ने अपनी पढ़ाई इंटरनेट से की थी। उसके माता-पिता और उसके नाना, दोनों शिक्षक हैं, लेकिन वह कुछ अलग करना चाहती हैं और 11वीं में मेडिकल का अध्ययन करना चाहती हैं।
शालिनी एक सफल डॉक्टर बनना चाहता हैं।
शालिनी ने विज्ञान, गणित और अंग्रेजी में 100-100 नंबर प्राप्त किए हैं।
वह स्कूल के बाद रोजाना 6-7 घंटे पढ़ाई करती थीं और पढ़ाई की दिनचर्या को बनाएं रखती थीं।
उसने NCERT की पुस्तकों पर भी ध्यान केंद्रित किया।