तेलंगाना बोर्ड रिजल्ट 2019: सात दिन में 18 छात्रों ने की आत्महत्या, दोबारा चेक होंगे पेपर
क्या है खबर?
तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (TSBIE) ने 18 अप्रैल, 2019 को 12वीं और 10वीं बोर्ड परीक्षा 2019 का रिजल्ट जारी कर दिया है।
रिजल्ट आने के बाद करीब सात दिन के अंदर ही 18 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है।
माता-पिता और छात्रों के समूहों द्वारा व्यापक विरोध करने के बाद तेलंगाना राज्य की सरकार ने उन तीन लाख से अधिक छात्रों की कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया है, जिन्हें परीक्षा में फेल घोषित किया गया है।
परीक्षा
नौ लाख से भी अधिक छात्रों ने दी थी परीक्षा
इस साल यानी साल 2019 की तेलंगाना बोर्ड परीक्षा के लिए लगभग 9 लाख 74 हज़ार छात्र उपस्थित हुए थे।
इन छात्रों में लगभग 3 लाख 28 हज़ार छात्र परीक्षा में असफल रहे और उनकी कॉपियों का अब पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तेलंगाना बोर्ड ने साल 2019 परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन से लेकर रिजल्ट घोषित होने तक की पूरी जिम्मेदारी एक प्राइवेट फर्म 'Globarena Technologies' को दी थी।
आत्महत्या
नारायण कॉलेज के छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
छात्रों और अभिभावकों का आरोप है कि फर्म की प्रणाली ने हजारों छात्रों को गलती से फेल कर दिया या उन्हें परीक्षा में अनुपस्थित दिखा दिया।
आत्महत्या करने वालों में नारायण कॉलेज के छात्र जी. नागेंद्र हैं। गणित में फेल होने पर नागेंद्र ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्माहत्या कर ली थी।
उनके पिता विवेकानंद ने कहा कि वह पढ़ाई में अच्छा था। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि वह अपने पसंदीदा विषय गणित में फेल हो गया।
जानकारी
री-इवैल्युएशन करने पर 0 से मिले 99 अंक
12वीं की छात्रा जी. नाव्या को तेलगु पेपर में 0 अंक प्राप्त हुए थे। नाव्या ने अपना तेलगु पेपर री-इवैल्युएशन के लिए दिया और जिस पेपर में 0 अंक प्राप्त हुए थे, उसमें 99 अंक मिल गए। इसके बाद विरोध प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया।
बयान
पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा ये
निजामाबाद के वी वेनेला दो विषयों में फेल हो गए थे। उन्होंने 18 अप्रैल, 2019 की रात कीटनाशक खा लिया, जिस कारण अगली सुबह उनकी मृत्यु हो गई।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए तेलंगाना पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एन नारायण ने बताया है कि मूल्यांकन प्रणाली में कुछ तकनीकी खराबी के कारण टॉपर छात्रों को कुछ विषयों में पांच या दस नंबर दिए गए हैं और सैकड़ों छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के बाद भी अनुपस्थित दिखाया गया।