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इन IITians ने सामाजिक सेक्टर में कार्य करने के लिए छोड़ी अच्छे वेतन वाली नौकरी, जानें

इन IITians ने सामाजिक सेक्टर में कार्य करने के लिए छोड़ी अच्छे वेतन वाली नौकरी, जानें

May 11, 2019
04:15 pm

क्या है खबर?

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान हैं और अधिकांश लोग टॉप कंपनियों में अच्छा वेतन पैकेज के साथ नौकरी पाने के सपने को पूरा करने के लिए IIT में शामिल होते हैं। हालांकि, कुछ IITians हैं, जिनके लिए अधिक वेतन कोई मायने नहीं रखता है। उनके लिए सामाजिक विकास में योगदान सबसे ज्यादा मायने रखता है। आज के इस लेख में हमने उन IITians के बारे में बताया है, जो नौकरियां छोड़कर सामाजिक कार्य कर रहे हैं।

#1

सिंगापुर में नौकरी छोड़कर खोला स्कूल

साल 2013 में IIT खड़गपुर में नेवल आर्किटेक्चर में स्नातक पास बिपिन धाने ने साल 2015 में बाढ़ से प्रभावित बच्चों को पढ़ाने के लिए सिंगापुर में अपनी उच्च वेतन वाली MNC की नौकरी छोड़ दी थी। साल 2017 में बिपिन धाने ने असम के एक सुदूर बाढ़ प्रभावित जिले माजुली में स्वदेशी मिसिंगग आदिवासी समुदाय के वंचित बच्चों के लिए हमिंगबर्ड स्कूल की स्थापना की थी। आज उसमें 11 गांवों के 70 होस्टलर्स सहित 240 बच्चे हैं।

#2

इन लोंगो ने गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा देने के लिए छोड़ा अपना करियर

IIT बॉम्बे के दोनों पूर्व छात्र कृष्ण रामकुमार और अक्षय सक्सेना ने देश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में कमजोर बच्चों को अध्ययन में मदद करने के लिए अपने सफल कॉर्पोरेट करियर को त्याग दिया है। साल 2010 में उन्होंने एक गैर-लाभकारी संगठन अवंति फैलो की स्थापना की है, जो अभी तक वंचित छात्रों को उच्च-गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा प्रदान करता है। यह छात्रों के बीच सहयोगी लर्निंग को सक्षम करने के लिए 'पीयर इंस्ट्रक्शन' नामक एक शिक्षण को लागू करता है।

#3

सस्ती सैनिटरी नैपकिन की पहुंच को बढ़ाने के लिए छोड़ी नौकरी

ड्यूश बैंक में निवेश बैंकिंग विश्लेषक के रूप में काम कर रहीं IIT बॉम्बे की छात्र सुहानी ने उच्च गुणवत्ता वाले सस्ती सैनिटरी नैपकिन की पहुंच को बढ़ाने के लिए नौकरी छोड़ी। 2015 में सुहानी और IIT मद्रास से स्नातक पास कार्तिक मेहता ने मुंबई स्थित स्टार्ट अप की शुरुआत की, जो कम आय वाली महिलाओं के लिए और ग्रामीण क्षेत्रों में कम लागत वाली मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों का उत्पादन करने वाली मशीनों का निर्माण करती है।

#4

ये करते हैं किसानों की मदद

IIT दिल्ली से स्नातक पास शशांक कुमार ने किसानों की मदद करने के उद्देश्य से साल 2012 में IIT खड़गपुर के पूर्व छात्र मनीष कुमार के साथ DeHaat लॉन्च करने के लिए अपनी उच्च वेतन वाली MNC की नौकरी छोड़ दी। पटना बेस्ड डीहॉट ऑनलाइन वेबसाइट है जो किसानों को बेहतर क्वालिटी वाले बीज, उर्वरक व उपकरण उपलब्ध करवाता है। इसके अलावा वह किसानों के लिए बेहतर खरीददार भी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करवाते हैं।