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अनाथालय में बचपन बिताने के बाद 21 परीक्षाएं पास कीं, आज IAS हैं मोहम्मद अली शिहाब
कभी चपरासी की नौकरी करने वाले शिहाब ने IAS अधिकारी बनकर गाढ़े सफलता के झंडे

अनाथालय में बचपन बिताने के बाद 21 परीक्षाएं पास कीं, आज IAS हैं मोहम्मद अली शिहाब

लेखन तौसीफ
Oct 14, 2022
06:32 pm

क्या है खबर?

कई लोग अपनी जिंदगी में लगातार मिल रही असफलताओं हार मान लेते हैं और फिर उस लक्ष्य को पूरा करने का सपना छोड़ देते हैं। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आखिर तक हार नहीं मानते और अपना लोहा मनवाकर ही शांत बैठते हैं। ऐसी ही कहानी मोहम्मद अली शिहाब की है जिन्होंने कभी पान बेचा तो कभी चपरासी बने और फिर कभी रेलवे टिकट परीक्षक के तौर पर काम किया और अंत में IAS अधिकारी बन गए।

शिहाब

बचपन में पिता के साथ पान बेचते थे शिहाब

शिहाब का जन्म 15 मार्च, 1980 में केरल में हुआ था। उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उन्होंने अपने पिता के साथ बांस की टोकरियां और पान बेचना शुरू किया। उनकी दुनिया तब उजड़ गई जब एक लंबी बीमारी ने उनके पिता का साया उनके सिर से छीन लिया। पिता की मौत के बाद उनके परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके मां के कंधों पर आ गई। उनके परिवार में एक भाई और तीन बहनें हैं।

अनाथालय

शिहाब ने अनाथालय में रहकर पूरी की कक्षा 12 की पढ़ाई

शिहाब की मां ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थीं और वह अपने पांच बच्चों का उचित पालन-पोषण नहीं कर पा रही थीं। इस दौरान उन्होंने अपने 11 वर्ष के बेटे शिहाब को कोझिकोड स्थित कुट्टीकट्टूर मुस्लिम अनाथालय भेज दिया था, जबकि अपनी तीनों बेटियों और बड़े बेटे को अपने साथ ही घर पर रखा। इस दौरान शिहाब ने अनाथालय में रहकर ही कक्षा 12 की पढ़ाई पूरी की।

चपरासी

2004 में चपरासी के पद पर काम कर रहे थे शिहाब

10 साल तक अनाथालय में रहने के बाद जब शिहाब अपने घर लौटे तब तक उन्होंने डिस्टेंस मोड से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी। बता दें कि वह पढ़ाई में काफी होशियार थे, आप उनकी इस बात का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वे सरकारी नौकरी के लिए अब तक UPSC समेत 21 परीक्षाएं पास कर चुके हैं। शिहाब 2004 में चपरासी, फिर रेलवे टिकट परीक्षक और जेल वॉर्डन के पद पर काम भी कर चुके हैं।

UPSC

शिहाब ने 2011 में पास की UPSC परीक्षा

इन नौकरियों के दौरान शिहाब UPSC की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी करते रहे और अपनी मेहनत के बल पर 2011 में 226 रैंक प्राप्त कर देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर ली। बता दें कि पहले दो प्रयासों में वह असफल हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी। जिसके बाद उन्हें यह मुकाम मिला और नागालैंड कैडर से IAS अधिकारी बन गए।

मलयालम

शिहाब ने मलयालम और इतिहास विषय को चुना था वैकल्पिक विषय

शिहाब ने UPSC की मुख्य परीक्षा में पहले भूगोल और इतिहास को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना था, लेकिन बाद में उन्हें भूगोल विषय कठिन लगा जिसे छोड़कर उन्होंने मलयालम को अपने वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना। एक इंटरव्यू के दौरान शिहाब ने कहा था कि आपका जो सबसे मजबूत बहाना है, आपको उससे मजबूत बनना पड़ेगा। खुद में अगर इस बात को आप समझ लेंगे तो किसी भी परीक्षा को पास कर सकते हैं।