UPSC पास अभ्यर्थियों में कोई घरेलू उत्पीड़न तो कोई माफियाओं से था परेशान, पढ़ें प्रेरणादायक कहानियां
क्या है खबर?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों का दिन हमेशा खास होता है। लाखों की संख्या में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों में से कुछ चुनिंदा छात्रों को ही भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा या इस स्तर के अन्य पदों के लिए चयनित किया जाता है।
इस परीक्षा को पास करने वाले कई अभ्यर्थियों की संघर्ष की कहानियां हमारे लिए प्रेरणादायक होती हैं। आज हम ऐसे ही कुछ अभ्यर्थियों के बारे में आपको बताएंगे।
शिवांगी
घरेलू हिंसा की शिकार शिवांगी ने छोड़ा पति का साथ और पास कर डाली UPSC परीक्षा
उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली शिवांगी गोयल ने UPSC में 177वीं रैंक हासिल कर उन महिलाओं को एक संदेश दिया है जो शादी के बाद ससुराल से प्रताड़ित होकर अपनी जिंदगी से निराश हो चुकी हैं।
शिवांगी शादीशुदा हैं और उनकी सात साल की एक बेटी भी है। ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर वह अपने माता-पिता के साथ रहने लगी।
बता दें कि शिवांगी का उनके पति के साथ तलाक का केस भी चल रहा है।
रिंकू
रिंकू ने घोटाला उजागर किया तो मारी गईं सात गोलियां, अब पास की UPSC परीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी के तौर पर नियुक्त रिंकू सिंह राही को 2008 में 83 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए सात गोलियां मारी गई थीं जिसकी वजह से उन्हें अपनी एक आंख गंवानी पड़ी थी।
रिंकू को अपनी नौकरी के दौरान एक नहीं बल्कि कई संघर्ष करने पड़े, लेकिन उन्होंने हार न मानते हुए अपने पहले ही प्रयास में 2021 की सिविल परीक्षा में 683वीं रैंक लाकर सफलता का परचम लहरा दिया।
रिक्शा चालक
ऑटो रिक्शा चालक के बेटे ने दो बार पास की UPSC परीक्षा
नासिक के रहने वाले स्वप्निल के पिता पहले पेशे से ऑटो रिक्शा चालक थे। स्वप्निल ने अपने पहले प्रयास में UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में 632वीं रैंक हासिल की और भारतीय रेलवे में नौकरी की।
हालांकि उनका सपना IAS बनने का था, इसलिए उन्होंने इस परीक्षा के लिए दोबारा मेहनत की और 418वीं रैंक हासिल कर ली।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया जिन्होंने उनकी पढ़ाई के लिए हमेशा मदद की।
सम्यक
26 वर्ष के दृष्टिबाधित सम्यक ने UPSC परीक्षा में हासिल की सातवीं रैंक
दिल्ली के रहने वाले 26 वर्ष के सम्यक जैन की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सातवीं रैंक आई है।
वह दृष्टिबाधित हैं। 20 वर्ष की आयु में उनकी आंखों की रोशनी कम होना शुरू हुई और फिर धीरे-धीरे उन्हें दिखना बंद हो गया।
परीक्षा की तैयारी के दौरान आई परेशानियों पर सम्यक ने न्यूजबाइट्स को दिए इंटरव्यू में कहा था, "इस परीक्षा को पास करने के लिए जितनी मेहनत एक सामान्य उम्मीदवार को लगती है, उतनी ही मुझे भी लगी।"
आयुषी
दृष्टिबाधित आयुषी ने UPSC में हासिल की 48वीं रैंक
दिल्ली की रहने वाली 29 वर्षीय आयुषी ने दृष्टिहीन होने के बावजूद वो कर दिखाया है जिसे करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है।
वह मुबारकपुर के एक स्कूल में इतिहास की शीक्षिका हैं और उन्होंने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में 48वीं रैंक हासिल की।
यह उनका पांचवा प्रयास था। आयुषी अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देती हैं जिन्होंने उनकी मदद के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।