केरल में मंकीपॉक्स का एक और मामला, देश में अब तक कुल 7 मामले
क्या है खबर?
केरल में वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित हो चुके मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि मलाप्पुरम में एक 30 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई है और उसका इलाज चल रहा है। वह 27 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से कोझीकोड के हवाई अड्डे पर पहुंचा था।
यह केरल का पांचवां और देश का कुल सातवां मंकीपॉक्स का मामला है। दो मामले दिल्ली में दर्ज हुए हैं।
जानकारी
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है।
ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं।
साल 1958 में रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में यह वायरस सामने आया था और इससे पॉक्स जैसी बीमारी होना पाया गया था।
मंकीपॉक्स
UAE से लौटे हैं केरल के सभी संक्रमित
केरल में अब तक मंकीपॉक्स के जितने भी मरीज मिले हैं, वे सभी UAE से लौटे हैं। केरल के अलावा दिल्ली में इस बीमारी के दो मरीज मिले हैं। इनमें से एक मरीज का यात्रा इतिहास नहीं है, जबकि दूसरा नाइजीरियाई नागरिक है।
केरल में मंकीपॉक्स का पहला मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है, जबकि मंकीपॉक्स से एक मरीज की मौत हो चुकी है। मृत व्यक्ति UAE से लौटा था और उसमें मौत के बाद संक्रमण की पुष्टि हुई।
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राजस्थान में मिले दो संदिग्ध मरीज
राजस्थान में भी मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है। इनमें से एक किशनगढ़ और दूसरा भरतपुर का रहने वाला है। इनके शरीर पर दाने निकल रहे हैं और इन्हें राजस्थान स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स को लेकर सरकार ने संसद में दी जानकारी
राज्यसभा में बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जब दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने लगे तो भारत ने तैयारी शुरू कर दी। केरल में पहला मामला सामने आने के बाद गाइडलाइंस जारी कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि यह नई बीमारी नहीं है। 1970 के बाद से एशिया में कई मामले सामने आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस पर खास ध्यान दे रहा है। भारत में भी मॉनिटरिंग शुरू हो गई थी।
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वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित हो चुका मंकीपॉक्स
WHO ने मंकीपॉक्स को 'वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित कर दिया है।
इसका ऐलान करते हुए WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम गेब्रिएसेस ने कहा, "हमारे सामने एक प्रकोप है जो नए-नए तरीकों से दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। इसके बारे में हमें बहुत कम पता है। इसलिए हमने फैसला किया है कि मंकीपॉक्स को 'वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित किया जाए।"
यह WHO का उच्चतम स्तर का अलर्ट है। यह इस बीमारी के खिलाफ एकजुट प्रयासों को प्रोत्साहित करेगा।
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कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस और क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
ये वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है।
इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।