UGC से मंजूरी लेकर भारत में कैंपस खोल सकेंगी विदेशी यूनिवर्सिटीज, सरकार का बड़ा कदम
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत येल, ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसी यूनिवर्सिटी को भारत में अपने कैंपस खोलने और डिग्रियां प्रदान करने की अनुमति दी जा सकती है।
इससे भारतीय छात्रों को विदेशी यूनिवर्सिटीज से जुड़ने का मौका मिलेगा, वहीं विदेशी यूनिवर्सिटीज के लिए भी भारत में मौके बढ़ेंगे। साथ ही इन यूनिवर्सिटी के आने से भारत विदेशी छात्रों के लिए भी पसंद के तौर पर उभर सकता है।
ड्राफ्ट
UGC ने जारी किया ड्राफ्ट
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGCd) ने गुरुवार को एक ड्राफ्ट जारी कर इस पर लोगों से सुझाव मांगे हैं। इस ड्राफ्ट में विदेशी यूनिवर्सिटीज को पहली बार भारत में प्रवेश और अपना संचालन करने से जुड़ी बातें कही गई हैं।
इसके तहत विदेशी यूनिवर्सिटीज के स्थानीय कैंपस घरेलू और विदेशी छात्रों के दाखिले के मापदंड, फीस और छात्रवृत्ति निर्धारित कर सकेंगे। साथ ही वो अध्यापकों और स्टाफ की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र तौर पर काम करेंगे।
जानकारी
शुरुआत में 10 साल के लिए मिलेगी अनुमति
UGC के प्रमुख एम जगदीश कुमार ने कहा कि UGC से अनुमति लेकर विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस खोल सकती है। शुरुआत में उन्हें 10 साल के लिए ऐसी अनुमति दी जाएगी। चूंकि इन संस्थानों को सरकार से कोई मदद नहीं मिलेगी, इसलिए ये अपनी फीस और दाखिला प्रक्रिया खुद निर्धारित कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ यूरोपीय यूनिवर्सिटीज ने भारत में अपना कैंपस खोलने में दिलचस्पी दिखाई है।
शर्त
भारत में चलाना होगा फुल टाइम कैंपस
UGC प्रमुख ने आगे कहा कि विदेशी शैक्षिक संस्थान भारत के संस्थानों के साथ साझेदारी कर कैंपस स्थापित कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्थानीय कैंपस में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता उनके मुख्य कैंपस के बराबर होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विदेशी यूनिवर्सिटीज को भारत में भौतिक रूप में अपना फुल टाइम कैंपस चलाना होगा। वो डिस्टेंस या ऑनलाइन शिक्षा प्रदान नहीं कर सकेंगी।
सवाल
क्या इन कैंपसों में आरक्षण मिलेगा?
विदेशी यूनिवर्सिटी के स्थानीय कैंपस में आरक्षण के सवाल पर कुमार ने कहा कि इस बारे में यूनिवर्सिटी खुद ही फैसला करेगी। इसमें UGC की कोई भूमिका नहीं होगी। हालांकि, जरूरत पड़ने पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है। कई विदेशी यूनिवर्सिटीज में ऐसा प्रावधान होता है।
उन्होंने कहा कि विदेशों से पैसों का आदान-प्रदान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत किया जाएगा।
जानकारी
कई यूनिवर्सिटी पहले ही शुरू कर चुकी हैं ऐसी प्रक्रिया
कई यूनिवर्सिटीज पहले ही भारतीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर भारत में अपने कैंपस स्थापित कर चुकी है। छात्र शुरुआत में इनके भारतीय कैंपस में दाखिला लेते हैं और बाद में मुख्य कैंपस में जाकर अपनी डिग्री पूरी करते हैं।
अब ताजा कदम के बाद विदेशी यूनिवर्सिटीज भारतीय साझेदारों के बिना ही भारत में अपने कैंपस स्थापित कर सकती है। इस दिशा में UGC अपना फाइनल ड्राफ्ट संसद में मंजूरी के लिए भेजेगी।