सामान्य वर्ग को आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, विधेयक को रद्द करने की मांग
क्या है खबर?
सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है।
यूथ फॉर इक्वालिटी नाम के एक NGO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस संविधान संशोधन विधेयक को निरस्त करने की मांग की है।
बता दें कि संसद ने संविधान में 124वां संशोधन करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक पारित किया था।
ट्विटर पोस्ट
सामान्य श्रेणी को आरक्षण के खिलाफ याचिका
A petition filed by Youth for Equality in the Supreme Court challenging The Constitution (103rd Amendment) Bill, 2019 that gives 10 % reservation in jobs and education for the economical weaker section of general category.
— ANI (@ANI) January 10, 2019
याचिका
याचिका में क्या कहा गया?
इस याचिका में कहा गया है कि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है इसलिए संशोधन विधेयक को रद्द किया जाए।
इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक तय की है।
इसके अलावा इसमें सामान्य श्रेणी को आरक्षण देने, आरक्षण के लिए सालाना 8 लाख तक की सीमा और गैर-अनुदान प्राप्त संस्थाओं को आरक्षण की श्रेणी में रखने पर भी सवाल उठाया गया है।
विधेयक
बुधवार को राज्यसभा से पास हुआ था संविधान संशोधन विधेयक
बुधवार को राज्यसभा से यह संविधान संशोधन विधेयक पास हुआ था। राज्यसभा में लगभग 10 घंटे चली बहस के बाद संविधान के 124वें संशोधन को ऊपरी सदन ने सात के मुकाबले 165 मतों से पारित कर दिया।
इससे एक दिन पहले लोकसभा ने इस विधेयक को पारित किया था।
अब विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने बाकी है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून बन जाएगा।
सरकार जल्द ही इस मामले में गजट नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।