सामान्य वर्ग को आरक्षणः संसद से विधेयक पारित, अब राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार
देश की संसद ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का संविधान संशोधन विधेयक पास कर दिया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून बन जाएगा। बुधवार को राज्यसभा में लगभग 10 घंटे चली बहस के बाद संविधान के 124वें संशोधन को ऊपरी सदन ने सात के मुकाबले 165 मतों से पारित कर दिया। इससे एक दिन पहले लोकसभा ने इस विधेयक को पारित किया था।
सरकार ने कहा- मिल जाएगी न्यायपालिका की हरी झंडी
राज्यसभा में भी लोकसभा की तरह लगभग विपक्षी दलों ने इस विधेयक के समर्थन में अपनी राय रखी। हालांकि, कुछ सदस्यों ने आम चुनावों से पहले इस विधेयक को लाने और इसे कोर्ट में चुनौती मिलने की आशंका जताई। इसके जवाब में सरकार ने कहा कि इसे न्यायपालिका से भी हरी झंडी मिल जाएगी क्योंकि यह संविधान संशोधन के जरिए लाया जा रहा है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अभी ऐसे कई और बड़े फैसले लेने के भी संकेत दिए।
आधे से ज्यादा राज्यों की मंजूरी जरूरी नहीं
संविधान संशोधन के लिए आधे से ज्यादा राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी लेना जरूरी होता है, लेकिन इस विधेयक में यह मंजूरी लेना आवश्यक नहीं है। सरकार ने यह बात पहले ही स्पष्ट कर दी थी, जिस पर विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए थे। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के मुताबिक, जिन विधेयकों में राज्यों के अधिकार क्षेत्र का हनन नहीं होता या उनके अधिकार क्षेत्रों में दखल नहीं होता, उन्हें राज्यों की विधानसभाओं से पास कराने की जरूरत नहीं होती।
राज्यों के पास होगा आर्थिक मापदंड तय करने का अधिकार
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों के लिए यह आरक्षण, केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों और शिक्षा में लागू होगा। हर राज्य अपने हिसाब से इस आरक्षण का लाभ देने लिए मापदंड तय कर सकेगा। उन्होंने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सरकार ने यह फैसला समाज के सभी वर्गों को मुख्यधारा में बराबरी से शामिल करने के लिए लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई खुशी
संसद से इस विधेयक के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि राज्यसभा द्वारा 124वां संविधान संशोधन विधेयक 2019 पास किए जाने से खुश हूं। विधेयक को मिले व्यापक समर्थन को देखकर खुशी हुई है। साथ ही उन्होंने लिखा कि सदन में इस पर काफी जीवंत बहस देखने को मिली, जहां कई सदस्यों ने अपनी महत्वपूर्ण राय रखी।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई खुशी
राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार
संसद के दोनों सदनों से इस विधेयक को पारित किया जा चुका है। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह कानून का रूप ले लेगा। सरकार जल्द ही इस मामले में गजट नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।
किन जातियों को मिलेगा लाभ
इस विधेयक के कानून बनने के बाद अभी तक सामान्य श्रेणी में आने वाली जातियां भी आरक्षण के दायरे में आ जाएंंगी। इस फैसले का लाभ हिंदुओं के अलावा मुस्लिम और ईसाई लोगों को भी मिलेगा। उदाहरण के लिए अगर कोई मुस्लिम या ईसाई सामान्य श्रेणी में हैं और वह आर्थिक रूप से कमजोर है तो उसे भी इस आरक्षण का फायदा मिलेगा। इससे लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे समुदायों को भी फायदा मिलेगा।
क्या होंगी इस आरक्षण की शर्तें
इस आरक्षण का फायदा उन लोगों को मिलेगा- - जिनके पास 1,000 स्क्वेयर फीट से कम का घर हो। - जिनके पास निगम की 109 गज से कम अधिसूचित जमीन हो। - जिनके पास 209 गज से कम की निगम की गैर-अधिसूचित जमीन हो। - जो अभी तक किसी भी तरह के आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते हो। - जिनकी सालाना आय Rs. 8 लाख से कम हो।