क्या होता है फायर इंश्योरेंस और कैसे उठा सकते हैं इसका क्लेम?

बीमा कंपनियां कई तरह की पॉलिसी प्रदान करती हैं, जिनमें से एक फायर इंश्योरेंस भी है। फायर इंश्योरेंस की मदद से अप्रत्याशित घटना की वजह से हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। यह घटनाएं कई तरह की हो सकती हैं जैसे आग, दंगा, भूस्खलन। यदि आप फायर इंश्योरेंस लेने जा रहे हैं तो आपको इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि बीमा कंपनियां आग लगने की परिस्थिति के हिसाब से कवर करती हैं। आइए जानते हैं क्या है फायर इंश्योरेंस।
आग लगने से किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, तो फायर इंश्योरेंस कवर देता है। इसके लिए ग्राहक को एक निश्चित राशि प्रीमियम के रूप में देनी पड़ती है। यह इंश्योरेंस सिर्फ संपत्ति पर हुए नुकसान को ही नहीं, बल्कि इस नुकसान की वजह से किसी की जीविका और आजीविका प्रभावित होती है तो उसे भी कवर प्रदान करता है। यह इंश्योरेंस मकान के अलावा इंडस्ट्रियल बिल्डिंग, ऑफिस, दुकान, पूजा स्थल, शॉपिंग मॉल, हॉस्पिटल, क्लीनिक आदि के लिए है।
आग से होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान को फायर इंश्योरेंस कवर प्रदान करता है। आग बुझाने वाले कर्मचारियों की मजदूरी का भुगतान भी कवरेज में शामिल होता है। इसी तरह विस्फोट के कारण होने वाले नुकसान और इसके खर्च, बिजली के कारण होने वाले किसी भी तरह के नुकसान, पानी की वजह से होने वाला हर तरह के नुकसान और प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान को भी फायर इंश्योरेंस कवर प्रदान करता है।
अगर हीटींग की वजह से आग लगती है तो इस तरह के नुकसान को कवर नहींं किया जाता है। इसी तरह यदि आग लगने का कारण हिटींग होता है तो भी कवरेज नहीं मिलता है। इसके अलावा, भूकंप की वजह से लगने वाली आग से हुए नुकसान, दंगा, आक्रमण या जानबूझकर किए गए नुकसान, किसी के आदेश की वजह से हुए नुकसान और चोरी होने की स्थिति में हुए नुकसान पर भी कवरेज नहीं मिलता है।
क्लेम करने से पहले कुछ दस्तावेजों को तैयार कर लें, ताकि किसी भी तरह की समस्या न हो। इनमें पॉलिसी बॉन्ड, नुकसान हुई प्रॉपर्टीज की तस्वीरें, पुलिस FIR की कॉपी (चोरी के मामले में), फायर ब्रिगेड की रिपोर्ट, जांच कराए जाने पर फॉरेंसिक रिपोर्ट आद शामिल है। इन सभी दस्तावेजों के साथ क्लेम फॉर्म को भरकर जमा कर दें। ऐसा करने के बाद बीमा कंपनी सर्वे कराती है, जिसके बाद आपका क्लेम स्वीकार किया जाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, घटना होने के बाद तुरंत बीमा कंपनी को सूचित कर देना चाहिए। बीमा कंपनी को बताना होगा कि आपका कितना नुकसान हुआ है और किस कारण से हुआ है। क्योंकि क्लेम के दौरान ये सभी बातें साबित करनी होती है।