असम के तिनसुकिया में तेल कुएं के पास बड़ा धमाका, तीन विदेशी विशेषज्ञ हुए घायल
असम के तिनसुकिया में बागजान स्थित ऑयल इंडिया के तेल के कुएं के पास बुधवार दोपहर जोरधार धमाका हो गया। इसमें तीन विदेशी विशेषज्ञ गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है। यह धमाका कुएं नंबर पांच के पास हुआ है। उस दौरान कुएं में पिछले 56 दिनों से लगी आग को बुझाने का कार्य चल रहा था। उसी दौरान अचानक से कुएं के पास तेज धमाका हो गया और पास खड़े विशेषज्ञ चपेट में आ गए।
तेल कुएं में लगी आग को बुझाने का किया जा रहा था प्रयास
ऑयल इंडिया लिमिटेड के प्रवक्ता त्रिदीप हजारिका ने बताया कि बागजान क्षेत्र के एक तेल कुएं में गत 9 जून को धमाके के साथ आग लग गई थी। उसके बाद से ही आग बुझाने का कार्य जारी था। बुधवार को सिंगापुर स्थित फर्म अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल के छह कर्मचारी आग बुझाने में लगे थे। उसी दौरान कुएं के पास तेज धमाका होने से कंपनी के एंथोनी स्टीवन रेनॉल्ड्स, डग डलास और क्रेग नील डंकन गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे के बाद बंद किया आग बुझाने का कार्य
प्रवक्ता हजारिका ने बताया कि कुएं के पास धमाका होने के बाद आग बुझाने के सभी कार्यों को बंद कर दिया गया है। हादसे में घायल हुए तीनों विदेशी विशेषज्ञों को दिब्रूगढ़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि असम में भारी बारिश के कारण बागजान जाने वाली सड़कें जलमग्म हो गई है। ऐसे में आग बुझाने के लिए किए जा रहे कार्यों में बड़ी बाधा आ रही है।
28 मई को गैस लीक होने के साथ हुई घटना की शुरुआत
प्रवक्ता हजारिका ने बताया कि बागजान क्षेत्र तिनकसुनिया से 43 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां स्थित तेल कुएं में 27 मई से गैस का रिसाव हो रहा था। जिसके बाद नौ जून को कुएं में अचानक तेज आग भड़क गई थी। उस दौरान आग बुझाने के प्रयास में दो दमकलकर्मियों की मौत हो गई थी। बता दें कि बागजान तेल क्षेत्र में कुल पांच गैस के कुएं और 17 तेल के कुएं हैं। फिलहाल सभी ऑपरेशन रोक दिए गए हैं।
9,000 लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया गया
प्रवक्ता हजारिका ने बताया कि पिछले दो महीनों में कआं क्षेत्रों के पास के गांव नटगाँव, गोटोंग और कलियापानी के करीब 9,000 लोगों को गुईजान क्षेत्र में बनाए गए राहत शिविर में पहुंचा गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने विस्फोट और उसके बाद की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति तेल क्षेत्र के पास बसें गांवों के लोगों और पर्यावरण को हुए नुकसान का भी आकलन करेगी।
ऑयल इंडिया लिमिटेड ने किया था 7 जुलाई तक आग बुझाने का दावा
बता दें कि गत नौ जून को कुएं में भीषण आग लगने के बाद ऑयल इंडिया लिमिटेड ने ONGC के अधिकारियों से बात करते हुए राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन राहत कर्मियों तथा विदेशी विशेषज्ञों के साथ 7 जुलाई तक आग पर काबू पाने का दावा किया था, लेकिन बाढ़ के कारण बचाव कार्य प्रभावित हो गया। कंपनी अधिकारियों ने बताया कि अब बाढ़ का खतरा कम होने के बाद फिर से बचाव कार्य शुरू किया जाएगा।