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कर्नाटक: नरसापुरा प्लांट में हिंसा को लेकर विस्ट्रॉन ने मानी गलती, उपाध्यक्ष को पद से हटाया

कर्नाटक: नरसापुरा प्लांट में हिंसा को लेकर विस्ट्रॉन ने मानी गलती, उपाध्यक्ष को पद से हटाया

Dec 19, 2020
05:37 pm

क्या है खबर?

ऐपल के लिए अनुबंध पर आईफोन का विनिर्माण करने वाली कंपनी विस्ट्रॉन के कर्नाटक के कोलार स्थित नरसापुरा प्लांट पर पिछले दिनों हुई हिंसा के मामले में कंपनी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। कंपनी ने हिंसा के लिए अपने प्रबंधन और नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए भारत में कारोबार की देखरेख करने वाले उपाध्यक्ष को पद से हटा दिया है। इसके अलावा कंपनी ने मामले का निस्तारण होने तक नए ऑर्डर नहीं लेने का भी निर्णय किया है।

प्रकरण

वेतन नहीं मिलने से उग्र कर्मचारियों ने मचाया था उपद्रव

बता दें गत 12 दिसंबर को प्लांट में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों ने समय पर वेतन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया था। उस दौरान कर्मचारियों ने फर्नीचर, असेंबली इकाइयों को नुकसान पहुंचाने के साथ वहां खड़े वाहनों को भी आग लगाने का प्रयास किया था। कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें तय वेतन के अनुसार भुगतान नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों से मांग करने पर उन्हें नौकरी से हटाने की धमकी दी जाती है।

जानकारी

कंपनी ने किया था 437 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन

कंपनी की ओर से कर्मचारियों के खिलाफ प्लांट में 437.70 करोड़ रुपये का नुकसान करने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने 160 कर्मचारियों को हिरासत में लिया था। इसके बाद 437.70 करोड़ की जगह 52 करोड़ रुपये के नुकसान की बात सामने आई थी।

हस्तक्षेप

केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिए थे जांच के आदेश

इस घटना पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने गत 16 दिसंबर को कर्नाटक सरकार को जल्द से जल्द मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि इस घटना की वजह से निवेशकों की धारणा प्रभावित हो सकती है। ऐसे में मामले की जांच करते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करें और जिम्मेदारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाए।

अहसास

कंपनी ने स्वीकार की अपनी गलती

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मामले में विस्ट्रॉन ने कहा, "हमारे नरसापुरा प्लांट में हिंसा के मामले की जांच में हमने पाया है कि कुछ श्रमिकों को सही ढंग से या समय पर भुगतान नहीं किया गया था। हमें इस बात का गहरा अफसोस है और हम अपने सभी कर्मचारियों से माफी मांगते हैं।" कंपनी ने स्वीकार किया नई सुविधा का विस्तार करने के कारण उसने गलकियां की थी और वह अब इन गलतियों को सुधारने पर काम कर रही है।

कार्रवाई

दोषियों के खिलाफ की जा रही है अनुशासनात्मक कार्रवाई- विस्ट्रॉन

विस्ट्रॉन ने कहा है, "कुछ प्रक्रियाओं को हमने श्रम एजेंसियों के प्रबंधन के लिए रखा था, जबकि उन्हें भुगतान प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता थी। अब हम इसे सही करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित अन्य उपाय कर रहे हैं।" कंपनी ने आगे कहा कि इस मामले में को देखते हुए उन्होंने प्लांट का कार्य संभालने वाले उपाध्यक्ष को हटा दिया है और भविष्य में इस तरह की गलतियों को नहीं दोहराए जाने पर काम कर रहे हैं।

बयान

प्रारंभिक जांच में सामने आई है विस्ट्रॉन की गलती- ऐपल

मामले में ऐपल कंपनी की ओर से कहा गया है कि प्रारंभिक जांच में विस्ट्रॉन द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने की बात सामने आई है। ऐपल के कर्मचारी मामले की जांच पर नजरें बनाए हुए हैं। कंपनी ने कहा कि उनका ध्यान आपूर्ति श्रृंखला में सभी की रक्षा और सम्मान के साथ व्यवहार करने पर है। भारत में घटी इस घटना से कंपनी बहुत निराश है और इस मामले में जल्द निस्तारण के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।

जानकारी

विस्ट्रॉन मामले का निपटारा होने तक नहीं लेगी नया ऑर्डर

इधर, विस्ट्रॉन का कहना है कि उसके यहां सुधारात्मक प्रक्रिया चल रही है। कंपनी का उद्देश्य सभी श्रमिकों को पूरा सम्मान और अपेक्षित मुआवजा दिया जाए। ऐसे में मामले के निपटारे तक कंपनी ऐपल से कोई भी नया ऑर्डर नहीं लेगी।

प्लांट

43 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है प्लांट

बता दें कि कोलार जिले के नरसापुरा औद्योगिक क्षेत्र में 43 एकड़ में स्थापित ऐपल प्लांट बेंगलुरु से लगभग 60 किमी दूर है। राज्य सरकार ने कंपनी को नरसापुरा में 43 एकड़ जमीन आवंटित की है। कंपनी ने इसमें 2,900 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव दिया था और 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार देने का आश्वासन दिया था। विनिर्माण कंपनी ऐपल स्मार्टफोन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) उत्पादों का निर्माण करती है।