कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई में पिछड़ रहे हैं ये चार राज्य
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में आई कमी से संकेत मिल रहे हैं कि भारत में संक्रमण की पीक गुजर चुका है।
17 सितंबर को सात दिनों में मिले नए मरीजों का औसत 93,199 पहुंच गया था। उसके बाद से सिर्फ 1 अक्टूबर को छोड़कर हर दिन नए मामले कम होते जा रहे हैं।
पूरे देश की बात करें तो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कामयाब होती दिख रही है, लेकिन चार राज्य पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
टेस्टिंग
लगातार बढ़ रही कोरोना वायरस टेस्ट की औसत
भारत में नए मामले कम होना इसलिए भी राहत दे रहे हैं क्योंकि इस दौरान टेस्टिंग लगातार बढ़ रही है।
17 सितंबर को रोजाना होने वाले कोरोना वायरस टेस्टों की संख्या 10.7 लाख थी, जो बढ़कर 10 अक्टूबर को 11.3 लाख हो गई।
देश में अब प्रति 10 लाख लोगों पर 84 टेस्ट हो रहे हैं। एक महीने पहले यह 79 थे।
महामारी की शुरूआत से लेकर अब तक देश में लगभग नौ करोड़ टेस्ट हो चुके हैं।
कोरोना वायरस
इन राज्यों में हालत चिंताजनक
नए मामले कम होना राहत की बात है, लेकिन यह लापरवाह होने का समय नहीं है।
रोजाना मिलने वाले नए मरीजों की संख्या के मामले में भारत पहले नंबर पर है। यहां अमेरिका और ब्राजील से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं।
इससे भी चिंता की बात यह है कि देश के चार राज्यों में तेजी से नए मामले बढ़ रहे हैं। त्योहारी सीजन और सर्दियों के मौसम को देखते हुए जरा-सी लापवाही बड़ा खतरा बन सकती है।
कोरोना वायरस
चारों राज्यों में बढ़ रही संक्रमण की रफ्तार
देश के अधिकतर राज्यों के लिए सबसे बुरा दौर गुजर चुका है और मरीजों की संख्या लगातार घट रही है, लेकिन सात राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जिनमें 30 सितंबर के बाद मरीजों की औसत में इजाफा देखने को मिला है। इनमें से चार बड़े राज्य हैं।
कर्नाटक में 30 सितंबर की तुलना 11 अक्टूबर को 19 प्रतिशत, केरल में 31.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 8.7 प्रतिशत और राजस्थान में 5.1 प्रतिशत ज्यादा मामले थे।
कोरोना संक्रमित
किस राज्य में कितने मामले?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कर्नाटक में 7,26,106 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 10,123 मौतें हुई हैं।
इसी तरह केरल में 3,03,896 लाख संक्रमितों में से 1,046 मौतें हुई हैं।
राजस्थान और पश्चिम बंगाल की बात करें तो यहां क्रमश: 1,63,219 और 3,02,020 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। राजस्थान में 1,679 और पश्चिम बंगाल में 5,744 लोगों को कोरोना महामारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
जानकारी
छोटे राज्यों में भी संक्रमण की तेज रफ्तार
बाकी तीन की बात करें तो TOI के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में नए कोरोना मरीजों की संख्या में 11 दिनों में 89 प्रतिशत, मेघालय में 61.9 प्रतिशत और नागालैंड में 19.3 प्रतिशत इजाफा देखने को मिला है।
कोरोना टेस्ट
टेस्टिंग को लेकर राज्यों की अलग-अलग नीतियां
टेस्टिंग बढ़ने के बावजूद मामलों में गिरावट आना अच्छी बात है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि राज्यों में टेस्टिंग को लेकर अलग-अलग रणनीति पर काम हो रहा है।
दिल्ली, असम, महाराष्ट्र और बिहार में मरीजों की संख्या घटने के साथ ही टेस्टिंग कम हो गई। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में मामले कम होने के बाद भी टेस्ट की संख्या बढ़ रही है।
वहीं पश्चिम बंगाल में संक्रमण की तेज रफ्तार के बावजूद टेस्टिंग कम हुई है।
मृत्यु दर
पंजाब से सबसे ज्यादा जानलेवा बना हुआ है वायरस
इस महीने भी कोरोना के कारण होने वाली मौतों में भारत सबसे आगे बना हुआ है।
वहीं अगर भारत की बात करें तो यहां पंजाब में महामारी सबसे ज्यादा लोगों की जान ले रही है। देश में केवल तीन राज्य ऐसे हैं, जहां मृत्यु दर 2 प्रतिशत से ज्यादा बनी हुई है।
इनमें सबसे आगे पंजाब है, जहां हर 1,000 संक्रमितों में से 31 की मौत हो रही है। इसके बाद महाराष्ट्र (26) और गुजरात (24) का नंबर है।
कुल मामले
देश में 72 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित
अगर देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की बात करें तो इनकी संख्या 72 लाख से अधिक हो गई है।
बीते दिन भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 63,509 नए मामले सामने आए और 730 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसके साथ ही देश में कुल मामले 72,39,389 हो गए हैं और 1,10,586 लोगों की मौत हुई है।
सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 8,26,876 पर आ गई है।