
स्पाइसजेट ने करीब 80 पायलटों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा, बताई यह वजह
क्या है खबर?
स्पाइसजेट ने मंगलवार को करीब 80 पायलटों को तीन महीने के लिए बिना वेतन के अवकाश पर भेज दिया है। कंपनी ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है, लेकिन उसने पायलटों की सटीक संख्या नहीं बताई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्पाइसजेट पिछले लगातार चार सालों से घाटे में चल रही है और जून तिमाही में ही एयरलाइन को 734 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
बयान
कंपनी ने अपने बयान में क्या कहा?
स्पाइसजेट ने अपने बयान में कहा कि अस्थायी उपाय के तौर पर कुछ पायलटों को बिना वेतन के तीन महीने की छुट्टी पर भेजा गया है। यह उपाय एयरलाइन की उस नीति के अनुरूप है, जिसमें किसी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाता। महामारी के दौरान भी कंपनी ने कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला था। इस उपाय से पायलटों की संख्या को विमानों के बेड़े के हिसाब से सुसंगत किया जा सकेगा।
वजह
कंपनी ने बताई यह वजह
कंपनी ने बयान में बताया कि दो हादसों के बाद बोइंग 737 मैक्स विमानों की ग्राउंडिंग से एयरलाइन की वित्तीय सेहत पर असर पड़ा है। इनकी ग्राउंडिंग के बाद 2019 में कंपनी ने 30 विमान अपने बेड़े में शामिल किए और इस उम्मीद में पायलट इंडक्शन जारी रखा कि मैक्स विमान की सेवा जल्द ही बहाल हो जाएगी। हालांकि, ग्राउंडिंग के लंबा खींच जाने से कंपनी के पास पायलटों की संख्या ज्यादा हो गई है।
उम्मीद
कंपनी ने जताई जल्द चीजें ठीक होने की उम्मीद
स्पाइसजेट ने उम्मीद जताई है कि स्थिति जल्द ही ठीक हो जाएगी। बयान में लिखा गया है कि कंपनी जल्द ही मैक्स विमानों को उड़ाना शुरू करेगी और इन पायलटों को दोबारा ड्यूटी पर बुला लिया जाएगा। छुट्टी के दौरान पायलटों को मिलने वाली सभी सुविधाएं जारी रहेंगी।
कंपनी ने यह भी कहा है कि इन पायलटों को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद भी एयरलाइन के पास उड़ानें संचालित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पायलट मौजूद हैं।
जानकारी
किन पायलटों को दी गई छुट्टी?
जिन पायलटों को अवकाश पर भेजा गया है, उनमें बोइंग और बॉम्बर्डियर बेड़े के विमानों के पायलट शामिल हैं। फैसले से प्रभावित पायलटों का कहना है यह आश्वासन नहीं दिया गया है कि छुट्टी पर भेजे गए पायलटों को वापस बुलाया जाएगा।
जानकारी
आधी उड़ानें ही संचालित कर रही है स्पाइसजेट
स्पाइसजेट के बेड़े में करीब 90 विमान हैं और अभी इनमें से केवल आधे ही उड़ान भर रहे हैं।
दरअसल, 27 जुलाई को एक आदेश जारी कर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कंपनी को क्षमता की 50 प्रतिशत ही उड़ानें संचालित करने को कहा था।
कंपनी के विमानों में लगातार आ रही खराबियों के कारण 27 जुलाई से आठ सप्ताह के लिए कंपनी के संचालन पर यह रोक लगाई गई है। इस दौरान नियामक इसकी कड़ी निगरानी करेगा।