चीन में लगा कोविड लॉकडाउन कैसे पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है?
क्या है खबर?
चीन इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है। देश के कई बड़े शहरों के लॉकडाउन होने से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की हालत पतली है।
लॉकडाउन के चलते चीन में आर्थिक गतिविधियां थम गई है और इसका सीधा असर दुनिया की सप्लाई चेन पर दिखाई देने लगा है।
एडिडास स्नीकर्स, बैंग एंड ओल्फसेन स्पीकर्स और टोयोटा से लेकर टेस्ला तक इससे प्रभावित हैं।
आइये जानते हैं चीन के लॉकडाउन का दुनिया पर क्या असर पड़ रहा है।
पृष्ठभूमि
चीन के 27 शहरों में लगा हुआ है लॉकडाउन
बता दें कि चीन में फरवरी के अंत से कोरोना मामलों में इजाफा शुरू हो गया था। इसके बाद चीन ने शून्य-कोविड नीति को लागू करते हुए कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया।
उसके बाद मार्च की शुरुआत में शंघाई शहर को लॉकडाउन कर दिया गया। वर्तमान में देश के कुल 27 शहर लॉकडाउन में हैं। इसके चलते 18 करोड़ से अधिक लोग घरों में कैद हैं।
ऐसे में चीन से दुनिया में होने वाली सप्लाई बाधित हो रही है।
#1
चीन के लॉकडाउन से प्रभावित हो रही निर्माण परियोजनाएं
चीन के लॉकडाउन से निर्माण परियोजनाएं प्रभावित हो रही है। इसका सीधा असर गगनचुंबी इमारतों के लक्जरी बाथरूम में लगने वाले नलों और रसोई काउंटरटॉप्स की आपूर्ति करने वाली अमेरिकी फर्म फिप्स (Phipps) इंटरनेशनल पर पड़ा है। कंपनी को शंघाई से मिलने वाले नल से शिपमेंट कई महीनों से नहीं मिल रहे हैं।
कंपनी के संस्थापक जेक फिप्स का कहना है कि अमेरिका की सभी निर्माण परियोजनाएं कच्चे माल की आपूर्ति के इंतजार में अटकी हुई है।
हालात
बार-बार बढ़ाया जा रहा है समय- फिप्स
NDTV के अनुसार, जैक फिप्स का कहना है कि चीन से कच्चे माल की आपूर्ति का समय बार-बार बढ़ रहा हैं और अब 40 दिन बाद भी आपूर्ति नहीं हो सकी है। पिछले सप्ताह नल के लिए मोल्ड की फैक्ट्री शुरू हुई थी, लेकिन क्रोम-प्लेटेड और पॉलिश कारखानों के बंद होने से वह तैयार नहीं हो पाए हैं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन सबसे बड़ा मुद्दा है। कोरोना से बचने के लिए ट्रक वाले माल नहीं ले जा रहे हैं।
जानकारी
चीन की जगह अन्य देशों से की जा रही है कच्चे माल की खरीद
जैक फिप्स ने कहा कि कच्चे माल की आपूर्ति में देरी से अमेरिका की निर्माण परियोजनाओं में देरी हो रही है। वह कुछ उत्पादन वियतनाम में स्थानांतरित कर रहे हैं। इसी तरह चीन के बजाय इटली, ब्राजील और तुर्की से कच्चा माल खरीद रहे हैं।
#2
कपड़े और जूतों के लिए नहीं मिल रहा कच्चा माल
लॉकडाउन के कारण चीन से कपड़े और जूते बनाने का कच्चा माल भी नहीं जा पा रहा है। इससे वियतनाम में कपड़े और जूते के कारखाने ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
अमेरिकी कपड़ा और फुटवियर एसोसिएशन के अनुसार, अमेरिका को कपड़े और जूते की आपूर्ति करने वाला चीन दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। इसके माल से 1,000 से अधिक ब्रांडों के कपड़े और जूते बनते हैं। इसमें एडिडास स्नीकर्स जैसी कई प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।
#3
प्रौद्योगिकी और खेल उपकरणों पर भी पड़ रहा है असर
चीन के लॉकडाउन का प्रौद्योगिकी और खेल उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट से लेकर टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स इंक तक की कंपनियों का कहना है कि लॉकडाउन से बिक्री में कमी आएगी और Xbox जैसे उत्पादों का उत्पादन मुश्किल हो जाएगा।
ऐप्पल इंक ने पिछले महीने कहा था कि लॉकडाउन के कारण आई आपूर्ति बाधाओं से राजस्व में चार से आठ बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होगा।
जानकारी
सोनी ने कम किया प्लेस्टेशन-5 की बिक्री का लक्ष्य
कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने से सोनी ग्रुप कॉर्प ने अपने फ्लैगशिप प्लेस्टेशन-5 के बिक्री लक्ष्य को कम कर दिया। निन्टेंडो कंपनी ने यह भी कहा कि शंघाई की स्थिति के कारण बिक्री पर कुछ प्रभाव पड़ा है। यह गंभीर मुद्दा है।
#4
लॉकडाउन ने चिकित्सा सेवाओं की आपूर्ति को भी बाधित किया
चीन के लॉकडाउन का चिकित्सा सेवाओं की आपूर्ति पर भी बुरा असर पड़ा है। लॉकडाउन के कारण अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के अस्पताल एक्स-रे और सीटी स्कैन में इस्तेमाल होने वाले रसायनों की कमी से जूझ रहे हैं।
ग्रेटर न्यूयॉर्क हॉस्पिटल एसोसिएशन के अनुसार, लॉकडाउन से एक्स-रे और सीटी स्कैन में काम आने वाले रसायन 'ओमनीपैक' की आपूर्ति नहीं हो रही है। शंघाई की जीई हेल्थकेयर फैक्ट्री में ही इसका उत्पादन किया जाता है।
#5
लक्जरी स्टीरियो और टीवी की बिक्री भी पर पड़ा असर
लक्जरी स्टीरियो और टीवी सेट बनाने वाली कंपनी बैंग एंड ओल्फसेन ने इस सप्ताह चीन में लगे लॉकडाउन के कारण अपने वित्तीय दृष्टिकोण में कटौती की।
1,10,000 डॉलर प्रति जोड़ी के हिसाब से स्पीकर बेचने वाली डेनिश कंपनी का कहना है कि लॉकडाउन न केवल स्थानीय बिक्री को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि चीन के बाहर के बाजारों में भी इसका असर पड़ा है। लॉकडाउन के कारण लॉजिस्टिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
#6
ऑटो सेक्टर पर भी पड़ी है लॉकडाउन की मार
चीन के लॉकडाउन का ऑटो कंपनी वोक्सवैगन से लेकर टोयोटा मोटर कॉर्प तक बुरा असर पड़ा है।
शंघाई में टेस्ला इंक का संयंत्र पिछले महीने तीन सप्ताह के लिए बंद होने से बड़ी परेशानी खड़ी हो गई। कंपनी कारों की आपूर्ति और उपकरणों की डिलीवरी नहीं कर पा रही है। शंघाई स्थित टेस्ला की फैक्ट्री 60,000 कारों के मुकाबले अप्रैल में महज 1,512 कारें ही बना पाई है।
इसी तरह टोयोटा के कारोबार में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है।