
भारत में 4,825 करोड़ रुपये का निवेश करेगा सैमसंग, चीन से नोएडा शिफ्ट करेगी उत्पादन इकाई
क्या है खबर?
लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच चल रहे तनाव के बीच दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग ने चीन को बड़ा झटका दिया है।
कंपनी ने अब तक चीन में संचालित अपनी मोबाइल डिस्प्ले उत्पादों के निर्माण की यूनिट को अब वहां से हटाकर उत्तर प्रदेश के नोएडा में शिफ्ट करने का निर्णय किया है।
नोएडा में स्थापित होने वाली इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना पर कंपनी करीब 4,825 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
पहचान
उत्तर प्रदेश को निर्यात हब के रूप में मिलेगी वैश्विक पहचान
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सैंमसंग कंपनी की ओर से उत्तर प्रदेश में किए जा रहे इस निवेश से उत्तर प्रदेश को निर्यात हब के रूप में वैश्विक पहचान मिलेगी।
उन्होंने बताया कि सैंमसंग की इस यूनिट के नोएडा में स्थापित होने के बाद भारत, OLED तकनीक से निर्मित मोबाइल डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग करने वाला दुनिया का तीसरा देश भी बन जाएगा। इससे भारत को फायदा होने के साथ चीन को बड़ा झटका लगेगा।
प्रोत्साहन
सैमसंग को विशेष प्रोत्साहन देगी उत्तर प्रदेश सरकार- सिंह
निवेश मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि योगी सरकार ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में सैमसंग के इस प्रोजेक्ट को विशेष प्रोत्साहन देने का फैसला किया है।
इसमें उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2017 के तहत सरकार पांच साल में कंपनी को भूमि हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट समेत करीब 250 करोड़ रुपए की छूट दी जाएगी।
इसी तरह स्कीम फॉर प्रोमोशन ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्टानिक कंपोनेंट्स एंड सेमीकंडक्टर्स के तहत 460 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा।
रोजगार
सैमसंग की इस यूनिट से 1,500 लोगों को मिलेगा रोजगार
निवेश मंत्री सिंह ने बताया कि सैंमसंग की ओर से नोएडा में स्थापित की जा रही इस यूनिट से राज्य के लोगों के लिए रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।
उन्होंने बताया इस यूनिट के संचालित होने से करीब 1,500 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा और इसके अलावा नोएडा मोबाइल डिस्प्ले उत्पादों के निर्माण का हब भी बन जाएगा।
इसी तरह इससे राज्य को पहले की तुलना में और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
झटका
चीन के लिए माना जा रहा है बड़ा झटका
बता दें कि सैमसंग द्वारा अपनी यूनिट को चीन से हटाकर उत्तर प्रदेश में शिफ्ट करना चीन के व्यापार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
इतना ही नहीं कोरोना वायरस महामारी के बाद से 1,000 से अधिक कंपनियां चीन से निकलने की योजना बना रही है और भारत का लक्ष्य उन कंपनियों को आकर्षित करना है।
भारत के प्रयासों से इसमें से करीब 300 कंपनियां अब बड़ी गंभीरता के साथ भारत आने की तैयारी कर रही हैं।
लक्ष्य
सैमसंग ने आगमी पांच साल में दोगुना निर्यात करने का बनाया लक्ष्य
विगत वित्तीय वर्ष में 27 अरब डॉलर के निर्यात के साथ सैमसंग उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा निर्यातक है। सैमसंग समूह ने अगले पांच वर्षों में कुल 50 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य रखा है।
विश्व में टीवी, मोबाइल फोन, टैबलेट, घड़ियों आदि में उपयोग होने वाले कुल डिस्प्ले उत्पाद का 70 प्रतिशत से अधिक सैमसंग द्वारा दक्षिण कोरिया, वियतनाम तथा चीन में निर्मित होता है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश का नाम भी उसमें जुड़ गया है।
संपर्क
उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं 100 विदेशी कंपनियां
बता दें कि चीन में कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद वहां संचालित विदेशी कंपनियों ने अन्य देशों में जाने की योजना बनाई है। इनमें से अमेरिका की 100 कंपनियां उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में है।
राज्य के निवेश मंत्री सिंह ने गत 29 अप्रैल को उन कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारीयो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की थी और उन्हें राज्य में निवेश करने पर विशेष प्रोत्साहन देने का भरोसा दिलाया था।