अटल सुरंग से सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका गायब, कांग्रेस की आंदोलन की धमकी
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश के मनाली को लेह के लाहौल-स्पिति घाटी से जोड़ने वाली अटल सुरंग के पास से सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका गायब होने पर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार पर ये पट्टिका हटाने का आरोप लगाया है और 15 दिन के अंदर ये पट्टिका वापस न लगाए जाने पर राज्यव्यापी आंदोलन करने की धमकी दी है।
मामले में कानूनी शिकायत भी दर्ज कराई गई है।
पृष्टभूमि
सोनिया ने 2010 में रखी थी सुरंग की नींव
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 28 जून, 2010 को अटल सुरंग की नींव रखी थी और तब उनके साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी मौजूद रहे थे।
सुरंग के पास इसकी एक शिलान्यास पट्टिका लगी हुई थी जिस पर सोनिया का नाम था।
हालांकि जब इस 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सुरंग का उद्घाटन किया तो सोनिया के नाम वाली ये शिलान्याय पट्टिका गायब थी।
विरोध
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ ने मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखते राज्य सरकार पर सोनिया के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका हटाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे अब तक का सबसे अलोकतांत्रिक, अपरंपरागत और अवैध कदम बताते हुए सरकार की तीखी आलोचना की है।
उन्होंने लिखा कि उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि पट्टिका को मौके से हटा दिया गया है और ये कैसे गायब हुई ये पता करना सरकार और पुलिस का काम है।
चेतावनी
15 दिन के अंदर वापस नहीं लगाई गई पट्टिका तो करेंगे आंदोलन- राठौड़
पत्र में सरकार को चेतावनी देते हुए राठौड़ ने कहा है कि सरकार 15 दिन के अंदर शिलान्यास पट्टिका को वापस लगाने में नाकामयाब रहती है तो कांग्रेस राज्यव्यापी आंदोलन शुरू कर देगी।
उन्होंने भाजपा सरकार के कार्यकाल में पट्टिका को नुकसान पहुंचाए जाने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने लिखा है, "हमें लाहौल-स्पीति, सोलन, किन्नौर और राज्य के अन्य हिस्सों से कांग्रेस राज में लगाए गए शिलान्यास पट्टिकाओं को नष्ट किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं।"
जानकारी
कांग्रेस नेताओं ने दो जगह दर्ज कराई पुलिस शिकायत
कांग्रेस के दो नेताओं- जियाचेन ठाकुर और हरि चंद शर्मा- ने मामले में केलोंग और मनाली में पुलिस शिकायत दर्ज भी कराई है। अपनी शिकायतों में उन्होंने शिलान्यास पट्टिकाओं के लापता होने के कारणों का पता लगाने की मांग की है।
रणनीतिक महत्व
इसलिए भारत के लिए महत्वपूर्ण है अटल सुरंग
लगभग 9 किलोमीटर लंबी अटल सुरंग रणनीतिक तौर पर भारत के लिए बेहद अहम है और ये सर्दियों में भी लद्दाख को बाकी देश से जोड़े रखने का काम करेगी। पहले बर्फबारी के कारण सभी रास्ते बंद हो जाते थे।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ मौजूदा तनाव को देखते हुए इसका महत्व और बढ़ गया है और इसकी मदद से भारतीय सेना अपने सैनिकों और हथियारों को तेजी और आसानी से LAC तक पहुंचा सकेगी।
सुविधाएं
सुरंग में मौजूद होंगी ये सुविधाएं
अटल सुरंग के अंदर एक बार में 3,000 कारें या 1,500 ट्रक एक साथ चल सकेंगे और वाहनों के चलने की अधिकतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
सुरंग में प्रत्येक 150 मीटर पर टेलीफोन, 500 मीटर पर आपातकालीन निकास और 2.2 किलोमीटर पर गुफानुमा मोड़ है। इसके अलावा हर 250 मीटर पर CCTV कैमरा, 60 मीटर पर अग्निरोधक उपकरण और एक किलोमीटर पर हवा की गुणवत्ता मापने वाले उपकरण भी मौजूद होंगे।