राजनीति से संन्यास मंजूर, लेकिन भाजपा के साथ कभी गठबंधन नहीं करेगी बसपा- मायवती
क्या है खबर?
बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भाजपा से गठबंधन पर सोमवार को बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति से संन्यास मंजूर है, लेकिन वह चुनाव में किसी भी कीमत पर भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी। मायावती ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि बसपा और भाजपा की विचारधाराएं अलग हैं और वह कभी भी एक नहीं हो सकती।
प्रकरण
अखिलेख ने मायावती पर लगाया था भाजपा से मिले होने का आरोप
बता दें कि सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले दिनों मायावती पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा और बसपा के गठबंधन को उजागर करने के लिए ही समाजवादी पार्टी ने निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया था। सपा ने निर्दलीय प्रकाश बजाज को समर्थन दिया था, जिनका नामांकन बाद में निरस्त हो गया।
उसके बाद से ही मायावती सपा पर हमलावर हुई बैठी हैं।
बयान
मायवती ने कही थी सपा को हराने के लिए भाजपा से गठबंधन करने की बात
अखिलेश के आरोप लगाने के बाद मायावती ने कहा था कि वह सपा को हर हाल में हराएगी और वह इसके लिए भाजपा को भी सपोर्ट करने से नहीं हिचकेंगी।
उसके बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा होने लगी कि कहीं मायावती आगामी चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन तो मन नहीं बना रही। हालांकि, अब उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी किसी भी सूरत में भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
आरोप
मायावती ने सपा पर लगाया गंभीर आरोप
मायवती ने कहा कि उपचुनाव में सपा और कांग्रेस हमारी पार्टी के खिलाफ साजिश में लगी हैं, ताकि मुस्लिम समाज के लोग बसपा से अलग हो जाएं।
उन्होंने कहा कि बसपा सांप्रदायिक, जातिवादी और पूंजीवादी विचारधारा रखने वालों के साथ कभी गठबंधन नहीं कर सकती है। उनकी विचारधारा सर्वजन धर्म की है और भाजपा की विपरीत विचारधारा है। ऐसे में राजनीति से संन्यास ले सकती हैं, लेकिन भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
दावा
बसपा के शासन में नहीं हुआ कोई भी हिंदू-मुस्लिम दंगा- मायावती
मायावती ने कहा कि जब उन्होंने भाजपा के साथ सरकार बनाई तब भी उन्होंने कभी समझौता नहीं किया। उनके शासन में कोई हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि जब भी सपा सत्ता में आई तो भाजपा मजबूत हुई है। राज्य में भाजपा की मौजूदा सरकार भी सपा के कारण बनी है।
उन्होंने याद दिलाया कि उपचुनाव में बसपा ने दो सीटों मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर उनको प्रतिनिधित्व दिया है। उन्होंने कभी भी मुस्लिम समाज का अहित नहीं किया।
बयान
किसी भी सूरत में सपा को हराएंगे- मायवती
सपा के विश्वासघात पर मायावती ने कहा, 'मैं किसी भी दबाव में आने वाली नहीं हूं और मैं अभी किसी भी सूरत में राजनीति से संन्यास नहीं लूंगी।' उन्होंने कहा कि वह काफी मजबूत हैं और MLC चुनाव में सपा को हराकर ही दम लेंगी।
चिंता
कभी नहीं की कुर्सी की चिंता- मायावती
राज्य में मंगलवार को तीन सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले मायावती ने कहा कि उन्होंने कभी भी कुर्सी की चिंता नहीं की है। साल 2003 में उनकी सरकार में जब भाजपा ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए दबाव बनाया तब भी उन्होंने स्वीकार नहीं किया।
इसके बाद भाजपा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) का भी दुरुपयोग किया, लेकिन वह नहीं डरी और अपने सिद्धांतों पर टिकी रही।
जानकारी
जनवरी में होने हैं विधान परिषद के चुनाव
बता दें कि अगले साल जनवरी में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 11 सीटें खाली होंगी। विधानसभा के संख्याबल के हिसाब से इनमें से 8-9 सीटों पर भाजपा की जीत लगभग पक्की है, वहीं एक सीट सपा के खाते में जाना तय है।