भारत में वैक्सीन के उपयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए सरकार से बातचीत करेगी फाइजर
क्या है खबर?
यूनाइडेट किंगडम (UK) में अपनी वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी हासिल करने के बाद अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और बायोएनटेक ने अब अन्य देशों में भी वैक्सीन के उपयोग की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है।
यही कारण है कि फाइजर की कंपनी ने अब भारत में वैक्सीन के उपयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए सरकार से बातचीत करने का कदम उठाया है।
कंपनी का कहना है कि वह अन्य देशों में वैक्सीन के उपयोग को लेकर प्रतिबद्ध है।
दावा
फाइजर ने किया था वैक्सीन के 95 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा
बता दें कि वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी फाइजर-बायोएनटेक ने गत 18 नवंबर को दावा किया था कि तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल का अंतिम विश्लेषण में सामने आया है कि उनकी वैक्सीन 95 प्रतिशत तक असरकारकर है।
इसके साथ ही कंपनी ने यह भी दावा किया था कि वैक्सीन सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी है। विश्लेषण में बड़े वयस्कों में भी ये कारगर रही है और किसी भी वॉलेंटियर में कोई गंभीर सुरक्षा चिंता देखने को नहीं मिली है।
आवेदन
फाइजर ने 21 नवंबर को किया था आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन
फाइजर ने ट्रायल में वैक्सीन के 95 प्रतिशत प्रभावी पाए जाने के बाद गत 21 नवंबर को अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में इसके आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन किया था।
इसके बाद बुधवार को UK ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
इसके साथ ही UK फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश और पहला पश्चिमी देश भी बन गया है।
जानकारी
भारत में उपयोग को लेकर यह है सबसे बड़ी चुनौती
इस वैक्सीन को -70 डिग्री पर स्टोर करने की जरूरत होगी। इसे ड्राई आइस पैक करने के बाद विशेष डिब्बों में रखकर डिलीवर किया जाएगा। इसे पांच दिनों तक फ्रीज में रखा जा सकता है। ऐसे में भारत में इसका उपयोग करना बड़ी चुनौती है।
तैयारी
भारत के साथ बातचीत आगे बढ़ाने के लिए हैं प्रतिबद्ध- नायर
फाइजर की प्रवक्ता रोमा नायर ने TOI को बताया, "हम भारत सरकार के बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम प्रत्येक देश की बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकताओं को समझने के लिए दुनिया भर की सरकारों के साथ काम कर रहे हैं और हमारे पास जगह-जगह लॉजिस्टिक प्लान हैं। हमें विश्वास है कि भारत में भी इसके उपयोग और वितरण का प्रबंध किया जा सकता है।"
उन्होंने आगे कहा कि वह जल्द ही भारत से बात करेंगे।
प्रतिक्रिया
वैक्सीन के उपयोग के लिए भारत में नहीं है बुनियादी ढांचा- गांगुली
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के पूर्व निदेशक एनके गांगुली ने कहा कि फाइजर की वैक्सीन अमीर देशों के लिए है। भारत में इसके स्टोरेज और वितरण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा नहीं है और इसकी कीमत भी अधिक है। ऐसे में भारत में इसका उपयोग मुश्किल है।
इधर, फाइजर के एक अधिकारी का कहना है कि खुराकों के वितरण के लिए गावी से चर्चा कर रहे हैं। उनके पास वैक्सीन के परिवहन के लिए विशेष जहाज भी उपलब्ध है।
जानकारी
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने दे रखा है 10-10 करोड़ खुराकों का ऑर्डर
बता दें कि फाइजर की वैक्सीन के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पहले से ही 10-10 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दे रखा है। इसके अलावा यूरोपीय संघ ने हाल ही के दिनों में कंपनी को 10 करोड़ नई खुराकों का और ऑर्डर दिया है।
भारत
भारत ने अभी तक नहीं किया कोई भी ऑर्डर
भले ही अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने फाइजर को करोड़ों खुराकों का ऑर्डर दे दिया हो, लेकिन भारत में इसके उपयोग की चुनौती को देखते हुए सरकार ने अभी तक काई ऑर्डर नहीं दिया है।
इसके स्टोरेज और परिवहन की चुनौती के साथ इसकी महंगी कीमत 40-50 डॉलर यानी 2,950 से 3,700 रुपये भी एक बड़ी समस्या है। विकासशील और गरीब देशों के लिए इस कीमत पर वैक्सीन के खरीद पाना भी बहुत मुश्किल नजर आ रहा है।