जेट एयरवेज अगले साल फिर से शुरू कर सकता है उड़ान सेवाओं का संचालन

आर्थिक तंगी के चलते अप्रैल 2019 में पूरी तरह से अपनी उड़ावों का संचालन बंद करने वाली एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज साल 2021 की गर्मियों में फिर से उड़ान सेवाओं का संचालन शुरू कर सकती है। कंपनी की सेवाओं को शुरू करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के कारोबारी मुरारी लाल जालान और लंदन स्थित कलारोक कैपिटल के बीच गठजोड़ हुआ है और इस नए गठजोड़ ने फिर सेवा का संचालन शुरू करने की बात कही है।
जेट एयरवेट लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रही थी और उसका घाटा लगातार बढ़ता जा रहा था। इसके चलते वह अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान और ईंधन का भुगतान करने में भी सक्षम नहीं थी। कंपनी ने संचालन को सुचारू रखने के लिए सरकार से भी मदद मांगी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते कंपनी ने 17 अप्रैल, 2019 को संचालन बंद कर दिया था। जून में उसे दिवाला प्रक्रिया के तहत भेज दिया गया था।
बता दें कि जेट एयरवेज को जून 2019 में दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया के तहत भेजने के बाद जनवरी में जेट एयरवेज के ऋणदाताओं की समिति (COC) ने जेट के लिए नई बोली लगाने की मांग की थी। इसके बाद जुलाई 2020 में UAE के कारोबारी जालान और कलारोक कैपिटल ने बोली लगाकर पुनरोद्धार योजना पेश की थी। इसके बाद 17 अक्तूबर को COC ने इसे मंजूरी दे दी। अब इस गठजोड़ को अन्य नियामकीय मंजूरियों का इंतजार है।
नए गठजोड़ की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, "जेट एयरवेज का इरादा भारत में सभी पुराने घरेलू मार्गों पर और अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू करना है। जेट 2.0 कार्यक्रम का मकसद एयरलाइन के पुराने गौरान्वित इतिहास को वापस लाना है।" बयान में आगे कहा गया है, "यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है और गठजोंड़ को समय पर नियामक मंजूरी मिलती है, तो जेट एयरवेज 2021 की गर्मियों तक फिर से उड़ान भरेगी।"
गठजोड़ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने जेट एयरवेज की जगहर नई एयरलाइन शुरू करने के विकल्प पर भी विचार किया गया, लेकिन जेट एयरवेज की ताकत जैसे महत्वपूर्ण उड़ान स्लॉट, ब्रांड मूल्य, सर्वश्रेष्ठ इन-क्लास सेवा, सुरक्षित यात्रा का विश्वास और प्रतिष्ठा को देखते हुए इसके पुनरोद्धार का फैसला किया गया है। बयान में आगे कहा गया है कि जेट एयरवेज के दुबारा शुरू होने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
बता दें कि जेट एयरवेज ने 1993 में चार बोइंग 737 विमानों के साथ पहली बार उड़ान सेवा की शुरुआत की थी। इसकी बेहतरीन सेवा और सुविधाओं के चलते कंपनी 2012 के आते-आते देश की सबसे बड़ी निजी विमानन कंपनी बन गई थी। कंपनी द्वारा संचालन बंद किए जाने के दौरान उसके पास 112 जेट विमान थे। कंपनी के आर्थिक तंगी से जूझने के पीछे मालिक नरेश गोयल की खराब प्रबंधन शैली और मनमाफिक फैसलों को कारण बताया जाता है।