राम मंदिर की डिजाइन बनाने वाले आर्किटेक्ट ने कहा, निर्माण में लगेगा तीन साल का समय
क्या है खबर?
अयोध्या विवाद में शनिवार को सुनाए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर राम मंदिर बनाने का आदेश दे दिया है।
हालांकि मंदिर के निर्माण में वर्षों लग सकते हैं।
1990 के दशक में विश्व हिंदू परिषद के लिए राम मंदिर पर काम शुरू करने वाले आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा का कहना है कि काम शुरू होने के बाद राम मंदिर का निर्माण पूरा होने में ढाई से तीन साल तक का समय लग सकता है।
फैसले पर राय
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले सोमपुरा, दोनों पक्षों का ध्यान रखा गया
अहमदाबाद के रहने वाले सोमपुरा से जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर एक लाइन में सीधा उत्तर दिया।
उन्होंने कहा, "फैसले के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि इसने दोनों पक्षों का ध्यान रखा है।"
उन्होंने कहा, "मैं काम पर वापस लौटने के लिए इंतजार कर रहा हूं। अब ये सरकार के ऊपर है कि वह तीन महीने क्या फैसला लेती है, कितना फंड आता है... ये सब अहम रहेगा।"
गुलाबी पत्थर
गुलाबी पत्थर से बनाए जाएगा राम मंदिर
मंदिर निर्माण के बारे में जानकारी देते हुए सोमपुरा ने बताया कि इसका 40 प्रतिशत काम पहले ही पूरा हो चुका है।
उन्होंने बताया कि मंदिर के लिए निर्माण में 50 से 60 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और इसे गुलाबी पत्थरों की मदद से बनाए जाएगा जो राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से आएंगे।
गुजरात के अक्षरधाम मंदिर को बनाने के लिए भी इसी पत्थर का इस्तेमाल किया गया था।
कार्य
100 से अधिक मंदिरों की डिजाइन बना चुके हैं सोमपुरा
बता दें कि सोमपुरा ने आर्किटेक्ट के क्षेत्र में कोई औपचारिक प्रशिक्षण हासिल नहीं किया है और उनके बेटे आशीष के अनुसार, सोमपुरा ने सबकुछ अपने पिता प्रभाशंकर से सीखा है।
अक्षरधाम मंदिर की डिजाइन भी सोमपुरा ने ही बनाई थी।
वह अब तक 100 से अधिक मंदिरों की डिजाइन बना चुके हैं जिनमें लंदन के नीसडेन का स्वामी नारायण मंदिर भी शामिल है जिसे भारत के बाहर सबसे बड़ा हिंदू मंदिर माना जाता है।
राम मंदिर
1989 में बनाया राम मंदिर का पहला चित्र, छह महीने में तैयार की डिजाइन
सोमपुरा ने राम मंदिर का सबसे पहला चित्र 1989 में बनाया था और अगले छह महीने में इसकी पूरी डिजाइन बना ली।
1996 में आशीष के आर्किटेक्ट में ग्रुजेएट होने के बाद उन्होंने उसे भी राम मंदिर प्रोजक्ट का हिस्सा बना लिया।
आशीष ने बताया, "कारसेवा के बाद काम जोरों पर था। मुझे इतने प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने पर गर्व हुआ। वहां अब भी हमारी एक टीम है लेकिन फंड की कमी के कारण काम रुक गया था।"
जानकारी
उठे हुए मंच पर बनेगा राम मंदिर
बता दें कि राम मंदिर को 135*240 फुट के उठे हुए मंच पर बनाया जाएगा। इसमें एक पारंपरिक हिंदू मंदिर की चारों विशेषताएं (चौकी, नृत्यमंडप, गूढ़ मंडप और गर्भ गृह) होंगी। पूर निर्माण में 2.5-3 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगेगा। मूर्तियां संगमरमर से बनाई जाएंगी।
डिजाइन
मंदिर में होंगी दो मंजिल, नीचे रामलला ऊपर राम दरबार
राम मंदिर कैसा होगा इसकी जानकारी हेते हुए सोमपुरा ने बताया कि मंदिर की खासियत ये होगी कि अष्टकोण होगा।
उनके अनुसार, ऐसे मंदिर कम ही पाए जाते हैं और राजस्थान के रनकपुर का सूर्य मंदिर ऐसा ही एक मंदिर है।
उन्होंने बताया कि ये रामलला (शिशु राम) का भी पहला बड़ा मंदिर होगा और इसमें दो मंजिल होंगी। नीचे रामलला का पवित्र स्थान होगा, वहीं ऊपर राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों के साथ राम दरबार होगा।
मूल डिजाइन
मूल डिजाइन में कुछ ऐसा है राम मंदिर
सोमपुरा के अनुसार, राम मंदिर को नागर शैली में बनाया जाएगा।
मूल डिजाइन में एक मुख्य मंदिर, चार अन्य मंदिर (सीता, लक्ष्मण, गणपति और हनुमान को समर्पित) और मंदिर में प्रवेश के लिए हर दिशा में एक दरवाजा यानि कुल चार दरवाजें हैं।
इसके अलावा संत निवास, राम कथा के लिए कला कुंज, स्टाफ क्वार्टर, प्रशासन ब्लॉक, पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र भी मूल डिजाइन का हिस्सा हैं।