चीन पर अधिक टैरिफ से भारत को होगा फायदा, बढ़ेगा इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का उत्पादन
क्या है खबर?
अमेरिका ने चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिससे भारत को फायदा हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत के स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बड़ा लाभ मिलेगा। अमेरिकी कंपनियां भारत को नए उत्पादन केंद्र के रूप में देख सकती हैं।
हालांकि, भारत को इस मौके का पूरा फायदा उठाने के लिए अपनी नीति और व्यापार समझौतों को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि लंबे समय तक लाभ मिल सके।
अवसर
भारत के लिए अवसर और चुनौतियां
चीन से बढ़े हुए टैरिफ के कारण कई कंपनियां भारत में उत्पादन बढ़ाने की सोच रही हैं। ऐपल और मोटोरोला जैसी कंपनियां भारत को निर्यात केंद्र बना सकती हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को इस अवसर को वास्तविक लाभ में बदलने के लिए तेजी से काम करना होगा।
बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, बेहतर नीतियां बनाना और व्यापार माहौल को सरल बनाना आवश्यक होगा, ताकि भारत वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में और आगे बढ़ सके।
निवेश
ऐपल का बढ़ता निवेश और भारत का निर्यात
भारत का मोबाइल फोन निर्यात 2024 में रिकॉर्ड 20.4 अरब डॉलर (लगभग 1,700 अरब रुपये) तक पहुंचा, जिसमें ऐपल ने सबसे ज्यादा योगदान दिया।
कंपनी ने भारत में उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई है, जिससे स्थानीय कंपनियों को फायदा होगा। सरकार ने भी 40 से अधिक भारतीय कंपनियों को इस परियोजना में जोड़ा है।
टैरिफ बदलाव के चलते ऐपल अब चीन पर निर्भरता कम कर भारत में उत्पादन बढ़ा सकता है, जिससे भारत को वैश्विक बाजार में और मजबूती मिलेगी।
संभावनाएं
सरकार के कदम और भविष्य की संभावनाएं
सरकार ने मोबाइल फोन के कुछ प्रमुख घटकों पर आयात शुल्क हटा दिया है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग लागत कम होगी। इससे कंपनियों को स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को एक मजबूत सप्लाई चेन बनानी होगी और व्यापार नीतियों को और बेहतर करना होगा, ताकि चीन और मैक्सिको जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा कर सके।
अगर सही कदम उठाए गए, तो भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा खिलाड़ी बन सकता है।