राजीव चंद्रशेखर ने बताया लैपटॉप, कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने का कारण
केंद्र सरकार ने बीते दिन यानी 3 अगस्त को लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर (PC), अल्ट्रा-स्माल फॉर्म फैक्टर वाले कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। इन वस्तुओं के आयात को वैध लाइंसेंस के आधार पर अनुमति देने की बात कही गई। हालांकि, कुछ मामलों में इन नियमों से छूट है। अब सरकार के इस फैसले के पीछे की वजह के बारे में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जानकारी दी है।
लैपटॉप और कंप्यूटर की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना है सरकार का उद्देश्य
राजीव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि लैपटॉप, सर्वर आदि सहित डिजिटल उत्पादों के लिए भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बन रहा है। भारत और डिजिटल नागरिक आने वाले समय में लाखों डिजिटल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करेंगे। उनके मुताबिक, विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम सुनिश्चित करने के साथ आयात पर निर्भरता कम करना और इस श्रेणी के उत्पादों के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना सरकार का उद्देश्य है।
प्रतिबंध से यह सुनिश्चित करना चाहती है सरकार
राज्य मंत्री ने लिखा कि यह लाइसेंस राज नहीं है। उनके मुताबिक, इस प्रतिबंध का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत का टेक इको सिस्टम सिर्फ आयात किए गए या घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चर किए गए विश्वसनीय और वेरिफाई किए जाने योग्य प्रोडक्ट ही इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा कि देश की इकोनॉमी काफी तेजी से डिजिटलीकरण और क्लाउडीकरण की तरफ बढ़ रही है। डिजिटल इकोनॉमी में वृद्धि से मांग बढ़ रही है।
बाजार के जानकारों ने पहले ही जताया था यह अनुमान
लैपटॉप, टैबलेट, कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बाजार से जुड़े कई जानकारों ने पहले ही अनुमान जताया था कि यह फैसला स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से जुड़ा है। अब राजीव ने फैसले के पीछे सरकार के उद्देश्य को साफ कर दिया है। हालांकि, रिलायंस की जियोबुक लॉन्च किए जाने के 2 दिन के भीतर ही सरकार के इस फैसले पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल भी उठाया है।
इन कार्यों के लिए आयात किए जा सकते हैं लैपटॉप और कंप्यूटर
अधिसूचना के मुताबिक, पर्सनल इस्तेमाल, रिसर्च और डेवलपमेंट, टेस्टिंग, बेंचमार्किंग, रिपेयरिंग और फिर से निर्यात किए जाने के मामलों में लैपटॉप, टैबलेट आदि मंगाने पर प्रतिबंध लागू नहीं होता। इन कार्यों के लिए प्रति खेप 20 प्रोडक्ट लाइसेंस छूट के साथ मंगाए जा सकते हैं। आयात की अनुमति इस शर्त के साथ दी जाएगी कि प्रोडक्ट का उपयोग केवल बताए गए उद्देश्यों के लिए किया जाएगा और उन्हें बेचा नहीं जाएगा।
आयात पर प्रतिबंध से बढ़ सकती है लैपटॉप और टैबलेट की कीमत
एक रिपोर्ट में आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने से भारत में लैपटॉप, कंप्यूटर, मैकबुक और मैक मिनी की कीमतें बढ़ने की संभावना जताई गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि आयात पर प्रतिबंध से बाजार में कमी पैदा होना तय है। दूसरे शब्दों में कहें तो मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होगी और कीमत बढ़ने का यह एक बड़ा संभावित कारण हो सकता है। मांग अधिक होने से ग्राहकों को छूट भी नहीं मिलेगी।
इन कंपनियों ने बंद किया आयात
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार के आयात पर प्रतिबंध के फैसले के बाद ऐपल, सैमसंग और HP सहित कई अन्य कंपनियों ने अपने लैपटॉप और टैबलेट के आयात को रोक दिया है।