अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की मुंबई 26/11 हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी
क्या है खबर?
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले (26/11) के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।
इसके साथ ही मामले में उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा याचिका को भी खारिज कर दिया है।
भारत लगातार पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था, क्योंकि वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में वांछित था।
यह राणा के लिए भारत को प्रत्यर्पित न किए जाने का आखिरी कानूनी मौका था।
याचिका
राणा ने 13 नंवबर को दायर की थी याचिका
निचली और संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई हारने के बाद राणा ने इससे पहले सैन फ्रांसिस्को में 9वें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
13 नवंबर को राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में प्रमाणपत्र के लिए याचिका दायर की थी।
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद 21 जनवरी को शीर्ष अदालत ने उसे अस्वीकार कर दिया। राणा फिलहाल लॉस एंजिल्स के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है।
सफाई
राणा ने याचिका में क्या दी थी सफाई?
9वें सर्किट के लिए यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स के फैसले की समीक्षा के लिए दायर याचिका में राणा ने तर्क दिया था कि उसे इलिनोइस (शिकागो) के उत्तरी जिले में संघीय अदालत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले से संबंधित आरोपों पर मुकदमा चलाया गया और बरी कर दिया गया।
उसमें कहा गया है कि भारत अब शिकागो मामले में समान आचरण के आधार पर आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए उसे प्रत्यर्पित करना चाहता है।
दलील
अमेरिकी सरकार ने की थी याचिका खारिज करने की मांग
अमेरिकी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी प्रीलोगर ने 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में राणा की याचिका को खारिज करने को लेकर दलीलें दी थी।
उन्होंने कहा कि राणा को इस मामले में भारत प्रत्यर्पण से राहत पाने का अधिकार नहीं है। सरकार यह नहीं मानती कि जिस आचरण के आधार पर भारत प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है, वह इस मामले में सरकार के अभियोजन द्वारा कवर किया गया था।
पृष्ठभूमि
मुंबई हमले में मारे गए थे 175 लोग
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। तब समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए पाकिस्तानी आतंकियों ने ताज होटल समेत 6 जगहों पर हमले किए थे।
हमले में विदेशी नागरिकों समेत 175 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई सैंकड़ों घायल हुए थे।
4 दिनों तक तक चले आतंकरोधी अभियान के बाद सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया था। इसी तरह एक जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई थी।
गिरफ्तारी
राणा को शिकागो में FBI ने किया था गिरफ्तार
मुंबई पुलिस ने 26/11 हमलों को लेकर 405 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें राणा का नाम शामिल है।
उस पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव होने का आरोप है।
आरोपपत्र के मुताबिक, राणा ने हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली का समर्थन किया था, जिसने हमलों से पहले रेकी की थी।
राणा को मुंबई हमले के कुछ महीने बाद शिकागो में संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने गिरफ्तार किया था।