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IMF का अनुमान- वैश्विक विकास दर 3 प्रतिशत से कम रहेगी; भारत-चीन का रहेगा आधा योगदान
IMF ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत और चीन का योगदान आधा रहेगा

IMF का अनुमान- वैश्विक विकास दर 3 प्रतिशत से कम रहेगी; भारत-चीन का रहेगा आधा योगदान

लेखन आबिद खान
Apr 07, 2023
02:49 pm

क्या है खबर?

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका दिख रही है और इस वजह से साल 2023 में वैश्विक विकास दर 3 प्रतिशत से नीचे रह सकती है। IMF ने अनुमान लगाया है कि इस दौरान वैश्विक वृद्धि में आधा योगदान केवल भारत और चीन का होगा। IMF ने वैश्विक मंदी के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड महामारी को वजह बताया।

बयान

अगले 5 साल 3 प्रतिशत से कम रहेगी वैश्विक विकास दर- IMF

IMF की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि यूक्रेन युद्ध और कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में आई तेज गिरावट इस साल भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा, "धीमी आर्थिक गतिविधियां जारी रहेंगी। अगले 5 साल तक वैश्विक विकास दर 3 प्रतिशत से नीचे रह सकती है। यह 1990 से अब तक हमारी सबसे कम मध्यम अवधि की भविष्यवाणी और पिछले दो दशक की औसत विकास दर 3.8 से बहुत कम है।"

गरीबी

IMF ने कहा- मंडरा रहा गरीबी और भुखमरी बढ़ने का खतरा

जॉर्जिवा ने कहा कि वैश्विक वृद्धि के सुस्त पड़ने से गरीबी और भुखमरी बढ़ सकती है, जो कोविड संकट के कारण पहले ही चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा, "लगभग 15 प्रतिशत कम आय वाले देश पहले से ही कर्ज के संकट में है। दूसरे 45 प्रतिशत देश भी कर्ज से जुड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। IMF के संपन्न देशों को ऐसे देशों की मदद करने की जरूरत है।"

बैठक

IMF और विश्व बैंक की अगले हफ्ते होनी है बैठक

जॉर्जिवा का ये बयान ऐसे समय आया है जब अगले हफ्ते IMF और विश्व बैंक की वॉशिंगटन में महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इस बैठक में दुनियाभर के नीति निर्माता वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा करने वाले हैं। भारत की ओर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के प्रमुख महंगाई और ब्याज दरों को लेकर चर्चा करने के लिए जुट रहे हैं।

तारीफ

भारत ने विश्वस्तरीय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया- IMF

IMF ने कहा है कि भारत ने व्यापक उपयोग वाला एक सार्वजनिक विश्वस्तरीय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, जो दूसरे देशों के लिए भी अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का जरिया हो सकता है। इनमें डिजिटल सार्वजनिक ढांचे के तहत विशिष्ट पहचान संख्या (आधार), डिजिलॉकर, UPI और आधार के जरिए बैंक लेनदेन सेवा जैसी कई व्यवस्थाएं शामिल हैं। IMF ने कहा कि इसी वजह से भारत को कोविड वैक्सीनेशन तेजी से करने में मदद मिली।