PNB घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। भारत की तरफ से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चोकसी के खिलाफ यह नोटिस जारी करने का आग्रह किया था। लगभग छह महीने पहले इंटरपोल ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के खिलाफ ऐसा ही नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के बाद नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ लगभग हर देश में गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकेंगे।
PNB घोटाले के कई आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी
मई-जून में ED ने इंटरपोल से मोदी और चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की थी। ED की मांग पर इंटरपोल ने मामले से जुड़ी और जानकारी मांगी थी। ED ने यह जानकारी देते हुए सितंबर में एक बार फिर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की। अभी तक इंटरपोल इस मामले में मोदी, चोकसी, मोदी की बहन पूर्वी, उनके भाई नीशल और दूसरे लोगों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुकी है।
क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस
साधारण शब्दों में कहा जाए तो रेड कॉर्नर नोटिस एक तरह से अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट है। रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद इंटरपोल में शामिल सभी देश मोदी और चोकसी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकेंगे। अगर किसी भी देश में मोदी और चोकसी मिलते हैं तो इंटरपोल उन्हें पकड़कर भारत को सौंप देगी। दुनिया के कुल 195 देशों में से 192 देश इंटरपोल के ग्लोबल नेटवर्क का हिस्सा है।
मोदी और चोकसी कहां है?
PNB घोटाला सामने आने से पहले ही मोदी और चोकसी देश छोड़कर भाग चुके थे। माना जा रहा है कि मोदी इंग्लैंड में और चोकसी केरेबियाई देश एंटीगुआ में छिपे हैं। बता दें, ये दोनों देश इंटरपोल के सदस्य है।
क्या था पंजाब नेशनल बैंक में घोटाले का मामला
PNB के कुछ अधिकारियों ने धोखाधड़ी से नीरव मोदी से जुडी कंपनियों को 'लेटर ऑफ अंडरटेकिंग' दिया। नीरव से जुड़ी तीन कंपनियों ने बैंक को संपर्क कर बायर्स क्रेडिट की मांग की जिससे वे अपने विदेश के कारोबारियों को भुगतान कर सकें। इन कंपनियों को बैंक के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से बायर्स क्रेडिट प्रदान की गई, जबकि उनका कोई पुराना बेहतर क्रेडिट रिकॉर्ड नहीं था। बता दें यह पूरा मामला इस साल की शुरुआत में सामने आया था।